Rajasthan Politics: 'ट्रैक्टर कोई लड़ाकू विमान या टैंक नहीं जो संसद को उड़ा देगा', सांसद बोले- 'वे अब मुझे रोक नहीं सकते'

Sikar MP Amraram Interview: राजस्थान के सीकर से ‘इंडिया’ गठबंधन समर्थित उम्मीदवार के रूप में जीते अमराराम ने इंटरव्यू में कहा कि देश में मंडरा रहे कृषि संकट और किसानों के विरोध प्रदर्शन तथा अग्निवीर योजना जैसे मुद्दों के कारण लोकसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या कम हुई.

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सीकर सांसद अमराराम.

Rajasthan News: राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट से माकपा सांसद अमराराम (Amraram) जब ट्रैक्टर पर सवार होकर शपथ लेने के लिए संसद (Parliament of India) भवन पहुंचे तो उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. लोगों में इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं, लेकिन इसके पीछे का एकमात्र इरादा सरकार को संदेश देना का था. सांसद ने कहा, 'मुझे सरकार को यह बताना था कि जिन किसानों को आप रोकने की कोशिश कर रहे थे, उन्होंने अमराराम को संसद भेजा है, और वह उसी ट्रैक्टर पर आ रहे हैं जिसे आपने 13 महीनों तक राष्ट्रीय राजधानी में नहीं आने दिया.'

'ट्रैक्टर कोई लड़ाकू विमान नहीं'

उन्होंने कहा, 'अभी भी इस सरकार की पुलिस कहती है कि ट्रैक्टर दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकते. ट्रैक्टर कोई लड़ाकू विमान या टैंक नहीं है जो संसद को उड़ा देगा. बड़ी मशीनें यहां आ सकती हैं, हमारे प्रधानमंत्री करोड़ों रुपये की कार का इस्तेमाल करते हैं. किसान और मजदूर, जो इस देश की आबादी का 65 प्रतिशत हैं, राष्ट्रीय राजधानी में नहीं आ सकते? वे अब मुझे रोक नहीं सकते, क्योंकि लोगों ने मुझे चुना है. देश में कृषि संकट गहरा रहा है. किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. वहीं उपभोक्ताओं को कई गुना अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है. इससे किसी का भला नहीं हो रहा. मुझे किसानों ने अपनी आवाज बनाकर संसद तक पहुंचाया है, और उनकी यह आवाज पूरे जोरशोर के साथ संसद में गूंजेगी.'

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'किसानों की समस्या पर विशेष सत्र'

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए अमराराम ने आरोप लगाया कि वह किसानों को उद्योगों के लिए सस्ते मजदूर बनाने के वास्ते कृषि को नष्ट करने की कोशिश कर रही है. मुख्य समस्या नीयत और नीति में है. समस्या सरकार के साथ है जो चाहती है कि किसान जीवित रहने के लिए बड़ी कंपनियों के सामने भीख मांगने पर मजबूर हो जाएं. सरकार की यही मंशा है.' कृषि संकट पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र की आवश्यकता पर बल देते हुए अमराराम ने कहा कि विपक्ष इसके लिए सरकार पर दबाव बनाएगा. इस देश की बहुसंख्यक आबादी कृषि संकट के कारण प्रभावित है. किसान ही नहीं, मजदूर भी प्रभावित हो रहे हैं. इसका समाधान क्या है, यह जानने के लिए विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए.'

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'प्रदर्शन स्थगित किया, वापस नहीं लिया'

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी, किसानों के विरोध प्रदर्शन में जान गंवाने वालों के लिए मुआवजा और किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करने समेत संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की मांगें पूरी नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन स्थगित किया गया है, वापस नहीं लिया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने विरोध प्रदर्शन आयोजित करना जारी रखा है. अगर जरूरत पड़ी तो हम और भी प्रदर्शन करेंगे. किसान संगठन राजनीतिक दल नहीं हैं, लेकिन बहुसंख्यक मतदाता किसान हैं.'

'किसान- युवा-मजदूरों के संघर्ष का नतीजा'

ऑल इंडिया किसान सभा से जुड़े और 2020-21 में किसानों के विरोध प्रदर्शन में भी शामिल रहे किसान नेता अमराराम ने कहा कि लोगों ने हाल के चुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाया है. देश में मंडरा रहे कृषि संकट और किसानों के विरोध प्रदर्शन तथा अग्निवीर योजना जैसे मुद्दों के कारण लोकसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या कम हुई. यह पिछले 10 साल से भाजपा के खराब शासन के खिलाफ किसानों, युवाओं और मजदूरों के संघर्षों का नतीजा है. 2019 में भाजपा 303 पर थी और आज वह 240 पर पहुंच गई है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में वह जिन सीट पर हारी हैं, वे उन इलाकों में हैं जहां से 13 महीने तक विरोध करने वाले किसान आए थे. अग्निवीर और किसान विरोध ने भाजपा को सबक सिखाया है. अगर उन्होंने अभी भी सबक नहीं सीखा है, तो लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे और हम संसद में मुद्दे उठाएंगे.'

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