अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज गर्ल्स हॉस्टल में तैनात एक रेजिडेंट महिला डॉक्टर ने अवसाद में आकर जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की. 6 अगस्त को जब उसकी हालत बिगड़ी तो उसे तत्काल आपातकालीन इकाई में भर्ती कराया गया, जहां प्रिंसिपल समेत विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने काफी मशक्कत के बाद उसकी जान बचाई. बाद में उसे जयपुर और फिर दिल्ली के निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया. इलाज के बाद अब उसकी स्थिति पूरी तरह सामान्य है. घटना के बाद पीड़िता ने सिविल लाइन थाना पुलिस को रिपोर्ट दी. पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने और प्रताड़ित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
BSF अफसर ने प्रेमजाल में फंसाया
पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने शिकायत में बताया कि वर्ष 2020 में उसकी मुलाकात जिला झुंझुनूं निवासी पंकज मीणा से हुई थी, जो बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडर पद पर जम्मू-कश्मीर में तैनात है. आरोपी ने उसे बहलाकर प्रेमजाल में फंसा लिया, लेकिन जब संदेह हुआ तो उसने बातचीत बंद कर दी. इसके बाद आरोपी ने पिछले एक साल से लगातार अलग-अलग नंबरों से कॉल कर उसे परेशान करना शुरू किया. 31 जुलाई को उसने महिला डॉक्टर को फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर प्रताड़ित किया. लगातार उत्पीड़न और मानसिक दबाव से परेशान होकर पीड़िता ने आत्महत्या का कदम उठाया.
BSF के असिस्टेंट कमांडर के खिलाफ केस
सिविल लाइन थाना पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी पंकज मीणा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी की लोकेशन, कॉल डिटेल और अन्य तथ्यों की जांच की जा रही है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने कहा कि समय पर उपचार मिलने से डॉक्टर की जान बच पाई. फिलहाल पीड़िता की स्थिति सामान्य है और पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है.
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