अमेरिका की ओर से भारतीय उत्पादों के आयात पर नई पाबंदियों का असर अब राजस्थान पर भी पड़ेगा. आज से 50 प्रतिशत टैरिफ बढ़ने के बाद राज्य से होने वाले लगभग 18 हजार करोड़ रुपए के सालाना निर्यात पर संकट मंडराने लगा है. इससे करीब 7 लाख लोगों का रोजगार सीधे प्रभावित हो सकता है.
गारमेंट्स-टेक्सटाइल प्रभावित
सबसे ज्यादा असर राजस्थान के उन सेक्टरों पर होगा जो निर्यात आधारित हैं. इनमें गारमेंट्स-टेक्सटाइल, जेम्स-ज्वेलरी, हैंडीक्राफ्ट्स, वुडवर्क, मार्बल-ग्रेनाइट और इंजीनियरिंग गुड्स प्रमुख हैं. अकेले गारमेंट्स सेक्टर का 6,200 करोड़, जेम्स-ज्वेलरी का 5,000 करोड़, हैंडीक्राफ्ट्स का 6,000 करोड़ और मार्बल-ग्रेनाइट का 2,500 करोड़ का सालाना निर्यात प्रभावित होगा.
राज्य सरकार कर रही समीक्षा
राज्य सरकार इस संकट को गंभीरता से ले रही है और लगातार समीक्षा कर रही है. उद्योग जगत का कहना है कि यह टैरिफ वृद्धि फिलहाल अस्थायी है लेकिन अगर लंबे समय तक जारी रही तो निर्यातकों और रोजगार दोनों पर व्यापक असर पड़ेगा.
ऑर्डर और बुकिंंग पर सीधा असर
राजस्थान के निर्यातक अधिकतर अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं और राज्य का 60 से 70 प्रतिशत निर्यात अगस्त से दिसंबर के बीच होता है. ऐसे में बढ़े टैरिफ से अमेरिकी ऑर्डर और बुकिंग पर सीधा असर देखने को मिल रहा है.
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