राममंदिर गर्भगृह के लिए रामलला की बनीं दो मूर्तियां, एक राम मंदिर में लगी, जानें दूसरी कहां हैं?

Ramlala Idol: रामलला की दूसरी प्रतिमा कई पीढ़ियों से मूर्तिकारी का काम करते आ रहे जयपुर के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे ने तराशा था, लेकिन अंतिम दो में होने के बावजूद वह राम मंदिर में स्थापित नहीं हो पाई और अभी यह मूर्ति मंदिर ट्रस्ट के पास ही है और फिलहाल उन्हीं के पास रहेगी.

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जयपुर मूर्तिकार सत्य नारायण पांडे द्वारा तराशी गई रामलला की सफेद मकराना संगमरमर की मूर्ति

Ramlala Idol Of Ayodhya Ram Temple: अयोध्या में 500 वर्षों के अंतराल के बाद रामजन्मभूमि पर निर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामभक्तों की सदियों की प्रतीक्षा का अंत हो गया.सोमवार, 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न हुई.

मैसूर के मूर्तिकार योगी राज द्वारा तराशी गई रामलला की मूर्ति को अंतिम दो मूर्तियों में चुना गया, लेकिन अब सबके मन में यह सवाल है कि राजस्थान के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे द्वारा सफेद मकराना संगमरमर से बनाई रामलला की दूसरी मूर्ति अब कहां है?

दरअसल, राम मंदिर गर्भगृह में स्थापित करने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ ट्र्स्ट ने रामलला की प्रतिमा बनाने का कार्य तीन मूर्तिकारों को सौंपा था, जिनमें से दो मूर्तियों को अंतिम रूप से चुना गया था, लेकिन अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा को अंततः चुना गया, जिसे प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के बाद भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित और प्रतिष्ठापित कर दिया गया. 

रामलला की दूसरी प्रतिमा कई पीढ़ियों से मूर्तिकारी का काम करते आ रहे जयपुर के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडे ने तराशा था, लेकिन अंतिम दो में होने के बावजूद वह राम मंदिर में स्थापित नहीं हो पाई और अभी यह मूर्ति मंदिर ट्रस्ट के पास ही है और फिलहाल उन्हीं के पास रहेगी.

उल्लेखनीय है रामजन्मभूमि स्थल को लेकर सदियों से चले आ रहा विवाद सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले के बाद खत्म हो गया जब 5 अगस्त, 2019 को सु्प्रीम कोर्ट राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था. कई वर्षों तक जिरह,भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के बाद विवादित स्थल पर राममंदिर के पक्ष में फ़ैसला आया और मंदिर निर्माण का आदेश जारी हुआ.

वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही भगवान राम के जन्म स्थल पर राम मंदिर का शिलान्यास किया और अब 22 जनवरी, 2024 को राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भव्य, नव्य और दिव्य मंदिर के कपाट 23 जनवरी को आम जनता के लिए खोल दिए गए हैं.

सरकार की योजना अयोध्या को ग्लोबल आध्यात्मिक टूरिस्ट हॉटस्पॉट बना देने की है, जिसके लिए हज़ारों करोड़ रुपये व्यय कर शहर का बुनियादी ढांचा विकसित किया जा रहा है, और दर्जनों की तादाद में होटल आदि जैसी सुविधाएं बनाई जा रही हैं. कुछ ही सालों में अयोध्या देश का ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक टूरिस्ट हॉटस्पॉट बन सकता है.

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