Girija Vyas: पहला चुनाव जीतते ही मंत्री बन गई थीं गिरिजा व्यास, 1991 का चुनाव बना ‘टर्निंग प्वाइंट’, जिसने पलट दिया उनका करियर

Rajasthan Politics: जब राजीव गांधी के दौर में नई सोच की बात हुई तो 1985 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में युवाओं और महिलाओं को मौका दिया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
डॉ. गिरिजा व्यास (फाइल फोटो)

Girija vyas Political career: मेवाड़ की राजनीति की लंबे समय तक धुरी रहीं गिरिजा व्यास 1977 से 1984 तक उदयपुर जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रहीं. इस पद पर रहते हुए उनकी कार्यशैली ने राष्ट्रीय नेतृत्व को भी प्रभावित किया. आम कार्यकर्ता के तौर पर राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाली कांग्रेस नेत्री से तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी बेहद प्रभावित हुए. जब राजीव गांधी के दौर में नई सोच की बात हुई तो 1985 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में युवाओं और महिलाओं को मौका दिया गया था. इस चुनाव में 16 महिलाएं चुनाव जीती थीं. इससे पहले 1980 में सबसे ज्यादा 10 महिलाएं सदन पहुंची थीं, जो रिकॉर्ड 1985 में टूट गया. जीतनेवाली महिला विधायकों में एक नाम गिरिजा व्यास का भी था, जो पहली बार चुनाव जीतीं और मंत्री भी बनीं. हरिदेव जोशी की तत्कालीन सरकार में उन्हें पर्यटन विभाग मिला.

दूसरे विधानसभा चुनाव में मिली थी हार

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया के पौत्र और उदयपुर कांग्रेस उपाध्यक्ष दीपक सुखाड़िया के मुताबिक, उनके राजनीतिक जीवन में 1991 का आम चुनाव अहम मोड़ साबित हुआ. इससे पहले 1990 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार शिव किशोर सनाढ्य से वह 10 हजार से अधिक वोटों से हार गई थीं. सालभर बाद ही 1991 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जाहिर करते हुए  उदयपुर से लोक सभा का उम्मीदवार बनाया. 

Advertisement

गिरिजा व्यास 4 बार सांसद और 1 बार विधायक रहीं
Photo Credit: PTI

लेकिन 21 मई 1991 को राजीव गांधी के निधन के बाद चुनाव आयोग ने इलेक्शन को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया. नई तारीखों का ऐलान हुआ और देशभर में कांग्रेस के प्रति उपजी सहानुभूति का असर उदयपुर में भी दिखा. इस चुनाव में गिरिजा व्यास ने बीजेपी प्रत्याशी गुलाब चंद कटारिया को 26 हजार से भी ज्यादा के अंतर से हराकर चुनाव जीता. इस जीत के बाद डॉ. गिरिजा व्यास ने कभी मुड़कर नहीं देखा. 

Advertisement

-------------------

ये भी पढ़ें-: 

-----------------

गिरिजा व्यास ने कद्दावर नेता कटारिया को 2 बार दी शिकस्त

गिरिजा व्यास 1 बार विधायक और 4 बार सांसद चुनी गईं. खास बात यह है कि मेवाड़ के कद्दावर राजनेता और वर्तमान में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया को अपने राजनीतिक जीवन में 2 बार ही चुनावी हार का सामना करना पड़ा था, और दोनों बार उन्हें गिरिजा व्यास ने ही शिकस्त ही दी थी. 

Advertisement

2018 में आखिरी बार चुनावी मैदान में उतरीं 

हालांकि 2018 के विधानसभा चुनाव में उदयपुर सीट पर कटारिया और गिरिजा व्यास एक बार फिर आमने-सामने हुए, लेकिन गिरिजा व्यास को हार का सामना करना पड़ा. राष्ट्रीय राजनीति में अलग छाप छोड़ने वाली डॉ. व्यास महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सूचना प्रसारण मंत्री, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही 2 बार महिला आयोग की अध्यक्ष भी रहीं. 

यह भी पढ़ेंः डॉ. गिरिजा व्यास के निधन पर कांग्रेस नेताओं ने जताया शोक, गहलोत, डोटासरा और जूली पहुंचे उदयपुर