Rajasthan News: राजस्थान में इन दिनों यूरिया खाद की सप्लाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं. किसानों को समय पर खाद नहीं मिलने से नाराजगी बढ़ रही है. इसी बीच उदयपुर जिले के मावली तहसील के आमली गांव से यूरिया खाद की कालाबाजारी का मामला सामने आया है. कृषि विभाग ने सख्त कार्रवाई करते हुए एक खुदरा उर्वरक विक्रेता का लाइसेंस निलंबित कर दिया है.
आधी रात में यूरिया की बिक्री, वीडियो वायरल
मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें आधी रात को यूरिया खाद के कट्टे लेकर जाते हुए लोग दिखाई दे रहे हैं. जांच में पता चला कि विक्रेता ने विभाग की अनुमति के बिना स्टॉक बेच दिया. कृषि विभाग को सूचना मिली तो टीम मौके पर पहुंची. वहां पोश मशीन में यूरिया खाद के कट्टों की संख्या दर्ज थी, लेकिन स्टॉक गायब मिला. यह साफ संकेत था कि आधी रात में खाद की अवैध बिक्री की गई.
किसका लाइसेंस सस्पेंड हुआ? थाने में FIR
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक सुधीर कुमार वर्मा ने बताया, 'मेसर्स किरण खाद भंडार का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. आगे की कार्रवाई के लिए फतहनगर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दी गई है.' विभाग ने चेतावनी दी है कि यूरिया खाद की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है.
क्यों बढ़ रही कालाबाजारी?
प्रदेशभर में यूरिया की मांग बढ़ी है. रबी सीजन में गेहूं और सरसों की बुवाई के समय यूरिया की खपत ज्यादा होती है. सप्लाई में कमी और मांग बढ़ने से कई जगह कालाबाजारी के मामले सामने आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि यूरिया के लिए लंबी कतारें लग रही हैं. कई बार उन्हें तय कीमत से ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं. ऐसे में विभाग की कार्रवाई से उम्मीद है कि कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा.
सरकार कर रही पर्याप्त सप्लाई का दावा
राज्य सरकार का दावा है कि यूरिया की पर्याप्त सप्लाई है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. कई जिलों से शिकायतें आ रही हैं कि खाद की उपलब्धता कम है. उदयपुर का मामला इस बात का सबूत है कि सिस्टम में गड़बड़ी है. वहीं, किसानों का कहना है कि समय पर यूरिया नहीं मिलने से फसल पर असर पड़ता है. रबी सीजन में देरी से खाद डालने पर पैदावार घट जाती है. ऐसे में कालाबाजारी किसानों के लिए दोहरी मार है.
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