उदयपुर में खाप पंचायत, फर्नीचर कारोबारी का हुक्का-पानी किया बंद; SP ऑफिस पहुंचा मामला   

उदयपुर जिले के खेरोदा थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद के चलते पंचायत द्वारा एक परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया गया. पीड़ित परिवार ने इस आदेश के खिलाफ जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा. आरोप है कि स्थानीय ताकतवर लोग, जिनमें जणवा समाज का अध्यक्ष और पूर्व सरपंच शामिल हैं, जमीन को जबरन अपने नाम कराना चाहते हैं.

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हुक्का-पानी बंद होने के बाद पीड़ित

Udaipur Khap Panchayat: राजस्थान में आज को बदलते हुए जमाने में भी गांव के विवाद के फैसले पंचायत द्वारा किया है और उनका फैसला भी सभी को मानना होता है. इन फैसलों में जो पार्टी अधिक ताकतवर होती है, अधिकतर उसी के पक्ष में फैसला आता है. ऐसा ही एक मामला प्रदेश के उदयपुर जिले सामने आया है. जहां खेरोदा थाना क्षेत्र में जमीनी विवाद को लेकर पंचायत ने एक परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया. 

पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन

इस फरमान के जारी होने के बाद परिवार बहुत परेशान हो गया, वह अपने ही गांव में अजनबी हो गया है. वहीं रविवार को पीड़ित परिवार परेशान होकर जिला पुलिस अधीक्षक के पास ज्ञापन देने पहुंचा है.  जिसमें पीड़ित ने बताया कि बीती 25 जनवरी को खेरोदा गांव में पंचायत बिठाकर उसका हुक्का पानी बंद करने का आदेश दिया गया है. जिसमें अभी तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

जबरन लेना चाहते हैं जमीन 

वहीं मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि खेरोदा निवासी मांगीलाल पुत्र उंकार सुथार ने स्थानीय निवासी भैरुलाल जणवा, उसके भाई दिनेश जणवा और मोडसिंह राठौड़ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने बताया कि उसके मकान के पास ही एक बाड़ा है.

जिसको लेकर भैरुलाल और दिनेश के साथ कुछ समय से विवाद है. दोनों भाई बाड़ा अपने नाम कराना चाहते हैं. वह लोग ताकतवर लोग है भैरूलाल एक साल पहले जणवा समाज का अध्यक्ष बना और दिनेश पूर्व सरपंच है. दोनों बाड़े का सौदा करने का दबाव बना रहे हैं।

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दुकानों पर नहीं दिया गया सामना

पीड़ित ने रिपोर्ट में बताया कि 12 जनवरी की रात भैरूलाल, दिनेश और 20-30 लोग घर आए और हल्ला किया. इसके बाद 24 जनवरी को मांगीलाल पुष्करना आए और दोनों भाइयों का संदेश दिया. कहा कि जितने रुपए लेने हो, लेकर बाड़ा भैरुलाल और दिनेश के नाम पर कर दे, नहीं तो हुक्का-पानी बंद करा देंगे. पीड़ित ने बताया कि मांगीलाल का पुत्र ललित गांव में किराने की दुकान पर सामान लेने गया तो उसने सामग्री देने से मना कर दिया. दूध लेने गया तो मना कर दिया. 

जान से मारने की दे रहे धमकी

जिसके बाद मोडसिंह ने खुद को गांव का मुखिया मानते हुए रजिस्टर में लिखा-पढ़ी की. कहा कि अब मांगीलाल से सभी की बोली-चाली, उठक-बैठक, लेन-देन, पानी वगैरा सब बंद है. इसके साथ ही इनके मौत में भी कोई नहीं जाएगा और उनके बच्चों से भी स्कूल में भी कोई बात नहीं करेगा.

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साथ ही जल्द ही इनका बिजली और नल कनेक्शन भी काट दिया जाएगा. जो भी इसकी पालना नहीं करेगा, उस पर 51 हजार रुपए दंड लगेगा. इसको लेकर पीड़ित ने आरोपियों के खिलाफ 3 दिन पहले थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. जिसमें मांगीलाल ने बेटे ललित सुथार ने बताया कि मुकदमा दर्ज करवाने की वजह से आरोपी पक्ष मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा है.

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