उदयपुर में तेंदुए के एक और हमले से वन विभाग पर आक्रोशित हुए ग्रामीण, जान बचा कर भागे अधिकारी

उदयपुर के गोगुंदा क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से तेंदुए के हमलों ने स्थानीय ग्रामीणों में आतंक फैला रखा है. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने अधिकारियों पर हमला कर दिया और सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की.

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उदयपुर में ग्रामीणों का आक्रोश

Rajasthan News: उदयपुर के गोगुंदा में 15 दिनों से तेंदुए ने आतंक मचाया हुआ है. तेंदुए द्वारा लगातार हमले पर हमले किए जा रहे है. वन विभाग भी अलग-अलग तरीके से प्लानिंग बनाते हुए आगे बढ़ रहा है. लेकिन कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है. ऐसे में राठौड़ों का गुड़ा जहां पुजारी की हमले में मौत हुई थी, उसी के सामने आज फिर उदयपुर के हमले के प्रयास की बात सामने आई है. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर हमला कर दिया, सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ भी की. अधिकारियों को खुद को बचाने के लिए कमरे में बंद होना पड़ा, बाद में पुलिस ने हालात को संभाला.

तेंदुए के हमले से बाल-बाल बचा ग्रामीण

दरअसल पिछले कुछ दिनों से हमले के बाद राठौड़ों का गुड़ा और सुआवतों का गुड़ा के ग्रामीण और वन विभाग सहित सभी विभाग एक साथ काम कर रहे थे. लेकिन उदयपुर से जुड़ी कोई सफलता हाथ नहीं लगी. ऐसे में अंदर ही अंदर कुछ ग्रामीणों में विरोध उपज रहा है.

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शाम को राठौड़ों का गुड़ा निवासी एक व्यक्ति भैंस चराने के लिए जंगल की तरफ गया था. वह आया और उसने लोगों को बताया कि तेदुंआ उस पर हमला करने वाला था, तभी किसी तरह वह जान बचाकर भाग निकला. बात धीरे-धीरे गांव में फैली, तो विरोध बढ़ा और लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए.

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आक्रोशित लोगों ने अधिकारियों को घेरा

आक्रोशित ग्रामीण सरकारी स्कूल की तरफ बढ़े, जहां वन विभाग ने मीटिंग प्वाइंट बनाया था. पत्थर फेंके और वन विभाग के कर्मचारियों पर लाठी उठाई. ऐसे में खुद को बचाने के लिए कर्मचारियों ने खुद स्कूल के कमरे में बंद किया. फिर लोगों ने बाहर पड़े वाहनों में तोड़फोड़ की. स्थिति और बिगड़ती उससे पहले मौके पर पुलिस पहुंची और स्थिति को संभाला. अभी देर शाम जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. अब ग्रामीणों से बातचीत का दौर चल रहा है.

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