
राजस्थान के उदयपुर में सोमवार को पुलिस हिरासत में एक ज्वेलरी व्यापारी की मौत हो गई. जिसके बाद मृतक के परिजन और लोग आक्रोशित हो गए. पुलिस पर टॉर्चर और मारपीट का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में थाने के बाहर लोग इकट्ठा हो गए. इस दौरान लोगों ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. भारी बवाल के बाद एसपी ने उन चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया, जो व्यापारी को थाने लेकर गए थे. इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं.
चोरी का माल खरीदने का आरोप
दरअसल, डूंगरपुर के बिछीवाड़ा निवासी ज्वेलरी व्यापारी सुरेश पांचाल को हाल ही में हिरासत किया गया था. पुलिस का दावा है कि कुछ दिन पहले प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किए गए शातिर बदमाशों ने पूछताछ में सुरेश पांचाल का नाम लिया था. आरोप है कि चोरी का माल सुरेश द्वारा खरीदा गया था. इसी आधार पर पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए थाने लेकर आई थी.
थाने में बिगड़ी व्यापारी की तबियत
सोमवार को ऋषभदेव थाने में पूछताछ के दौरान सुरेश की तबियत बिगड़ गई, जिसके बाद पुलिसकर्मी उसे अस्पताल लेकर गए, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. ज्वेलरी व्यापारी की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो गए. पुलिसकर्मियों पर प्रताड़ित करने और पूछताछ के दौरान मारपीट करने का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में लोग थाने के बाहर इकट्ठा हो गए.
मंगलवार को थाने पर भारी बवाल और लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद एसपी ने 4 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. जानकारी के मुताबिक, पंचाल समाज, मृतक के परिजन और स्थानीय लोगों के साथ प्रशासन की लंबी वार्ता के बाद घटना में शामिल पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने पर सहमति बनी औऱ साथ ही मामले की ज्यूडिशियल जांच के आदेश दे दिए गए.
एडीशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा ने बताया कि परिवारजनों और समाज के प्रतिनिधियों से लगातार बातचीत चल रही थी.समाज के नोहरा में हुई बैठक के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर न सिर्फ निलंबन की कार्रवाई हुई है, बल्कि उनके खिलाफ विभागीय जांच भी करवाई जा रही है.प्रशासन की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.