Udaipur Royal Family Dispute: राजस्थान में उदयपुर राजपरिवार के बीच विवाद अपने चरम पर पहुंच चुका है. चित्तौड़ में महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ, लेकिन इसके बाद उदयपुर के सिटी पैलेस स्थित धूणी दर्शन को लेकर महाराणा प्रताप के दो वंशजों के बीच विवाद जारी है. इस विवाद में सोमवार को हिंसा भी हुई. जब विश्वराज सिंह मेवाड़ अपने समर्थकों के साथ उदयपुर के सिटी पैलेस में धूणी दर्शन के लिए पहुंचे और उन्हें महल में प्रवेश करने नहीं दिया गया. इसके बाद स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि देर रात तक महल के बाहर और अंदर के लोगों के बीच पत्थरबाजी हुई. पुलिस की भारी तैनाती के बावजूद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा था.
विवादित स्थल पर प्रशासन ने रिसीवर किया नियुक्त
इस घटना के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. प्रशासन ने तुरंत उस स्थान पर एक रिसीवर नियुक्त कर दिया, जहां दर्शन को लेकर विवाद हुआ था. इसके अलावा, प्रशासन ने लोगों को समझाने की कोशिश की, ताकि स्थिति को शांत किया जा सके. हालांकि, रात भर स्थिति तनावपूर्ण बनी रही.
सोशल मीडिया पर चलो समोर बाग का मैसेज
इस विवाद के बीच सोशल मीडिया पर चलो समोर बाग के मैसेज सर्कुलेट हो रहे हैं. इस मैसेज में स्वाभिमान, संगठन, संस्कृति और परंपरा की पहचान और रक्षा के लिए सभी से एकजुटता की अपील की गई है. साथ ही कहा गया है कि कल, 27 नवंबर 2024, सुबह 9:00 बजे, समोर बाग पैलेस पधारे. आपकी उपस्थिति सामूहिक संकल्प को शक्ति देगी, स्वाभिमान के इस महायज्ञ में आप सादर आमंत्रित हैं.
मेवाड़ क्षत्रिय महासभा ने डीएम-एसपी से की मुलाकात
उदयपुर के पूर्व राजघराने के बीच मचे विवाद के बीच मंगलवार को मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान के अध्यक्ष बालू सिंह कानावत के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ज़िला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल से मुलाकात की. यह बैठक शाम 4 बजे ज़िला कलेक्टर कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें धूणी मंदिर (सिटी पैलेस, उदयपुर) और एकलिंगजी मंदिर में 77वें एकलिंग दीवान श्रीजी महाराणा साहब विश्वराज सिंह मेवाड़ के प्रभु व धुणी दर्शन हेतु शीघ्र अनुमति प्रदान करने की मांग रखी गई.
महासभा की चेतावनी- कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है
महासभा के संगठन सचिव यशवर्धन राणावत ने बताया कि यह विषय न केवल मेवाड़ क्षत्रिय समाज बल्कि पूरे सर्वसमाज की धार्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक आस्था से जुड़ा हुआ है. महासभा ने चेतावनी दी है कि यदि इस मांग को शीघ्रता से पूरा नहीं किया गया, तो सामाजिक और धार्मिक आक्रोश बढ़ सकता है, जिससे कानून-व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है.
राज्य सरकार से महासभा ने की समाधान निकालने की अपील
महासभा ने राज्य सरकार से अपील की है कि इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए समाधान निकाला जाए. साथ ही, समाज में बढ़ रहे तनाव को रोकने के लिए जल्द ही इस अनुमति को जारी करने की मांग की गई है. कलेक्टर और एसपी ने प्रतिनिधिमंडल को सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए इस विषय पर शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया.
महासभा में सात जिलों का प्रतिनिधि शामिल
प्रतिनिधिमंडल में मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संस्थान अध्यक्ष बालू सिंह कानावत के साथ चंद्रवीर सिंह करेलिया, लक्ष्मण सिंह झाला, यशवर्धन राणावत, जितेंद्र सिंह मायदा, महेंद्र सिंह पाखंड, राम सिंह खेड़ा, शिवदान सिंह देवड़ा और हरि सिंह देवड़ा उपस्थित थे. यह प्रतिनिधिमंडल मेवाड़ व राजस्थान के सात ज़िलों का प्रतिनिधित्व कर रहा था .
धूण दर्शन की क्या है परंपरा
मेवाड़ की परंपरा के अनुसार, राजतिलक तब तक अधूरा माना जाता है जब तक धूणी दर्शन और एकलिंगजी के दर्शन न कर लिए जाएं. फिलहाल, धूणी दर्शन को लेकर विवाद के कारण विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक अभी अधूरा ही माना जा रहा है. राजघराने की परंपराओं के अनुसार यह स्थिति बेहद गंभीर है.
संपत्ति को लेकर मेवाड़ राजघराने के दो भाइयों में चल रहा विवाद
मेवाड़ राजघराने के दो प्रमुख परिवारों के बीच संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह और महेंद्र सिंह दोनों भाई हैं और उनके बीच संपत्ति के अधिकारों को लेकर कई कानूनी विवाद चल रहे हैं. इन मामलों में एकलिंगजी मंदिर और सिटी पैलेस सहित कई संपत्तियां शामिल हैं, जहां अरविंद सिंह ट्रस्ट के सर्वेयर के रूप में कार्य कर रहे हैं. हाल ही में महेंद्र सिंह मेवाड़ का निधन हुआ, जिसके बाद उनके बेटे विश्वराज सिंह का राजतिलक हुआ, लेकिन धूणी दर्शन को लेकर विवाद बना हुआ है.
उदयपुर राजघराने के विवाद पर कलेक्टर ने क्या कुछ कहा
उदयपुर डीएम अरविंद पोसवाल पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. हमारे प्रतिनिधि और समाज के अन्य प्रतिनिधियों के साथ बातचीत चल रही थी, कुछ मुद्दों पर सहमति भी बन चुकी है. हालांकि, कुछ बातों पर अभी भी विवाद कायम है और सहमति नहीं बन पाई है.
प्रशासन ने लोगों से सहयोग की अपील की
प्रशासन ने सभी से अनुरोध किया है कि वह बातचीत में सहयोग करें और जो भी कानूनी कार्रवाई होनी है, वह की जाएगी. जो छोटी-मोटी घटनाएं हुई हैं, उनके बारे में प्रशासन और पुलिस कार्रवाई कर रहे हैं. वर्तमान में स्थिति पूरी तरह से सामान्य है और लोग महल से बाहर निकलने लगे हैं. डीएम ने आगे कहा कि विवादित स्थान धूणी स्थल को लेकर रिसीवर नियुक्त किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई मुकदमा दर्ज कराना चाहे तो वह कर सकता है.
(IANS इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें - उदयपुर राजघराने का विवाद, यहां पढ़े पल-पल के अपडेट्स
उदयपुर सिटी पैलेस का वो धूणी, जिसके दर्शन के लिए आर-पार की लड़ाई में अड़े हैं विश्वराज और लक्ष्यराज