उदयपुर में महिलाओं ने तलवार से किया गरबा रास, नवरात्रि में दिखाए हैरान कर देने वाले करतब

Garba Raas with swords in Udaipur: महिलाओं और बच्चियों को तलवार चलाने का प्रशिक्षण देने वाली एडवोकेट सोनम पुरोहित ने बताया कि नवरात्रि में हर बार हाथों से और डांडिया से गरबा रास होता आया है. लेकिन इस बार महिला शक्ति को तलवार से गरबा रास की सोचा. इसलिए प्रशिक्षण देकर तैयार किया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Rajasthan News: नवरात्रि में देवी मां की आराधना के साथ ही अलग-अलग जगह कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. ऐसे ही एक कार्यक्रम बुधवार रात उदयपुर में यूनिवर्सिटी रोड स्थिति अजब सेवा संस्थान की तरफ से आयोजित किया गया, जिसमें महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए स्पेशल प्रस्तुति हुई. यहां पहले शस्त्र पूजन हुआ और उसके बाद तलवार रास का कार्यक्रम हुआ. महिलाओं ने दोनों हाथों में तलवार पकड़ते हुए कई करतब दिखाए. बड़ी बात तो यह कि इसमें 6 साल की बच्चियों से लेकर 50 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाएं शामिल हुईं. कार्यक्रम को देखने स्थानीय जनप्रतिनिधि भी पहुंचे जो देख चौक गए.

400 से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षण

अजब सेवा संस्थान के महासचिव अमित पोरवाल ने बताया कि भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने और महिलाओं-बच्चियों में आत्मरक्षा के गुर लाने के लिए पिछले 5 साल से तलवार प्रशिक्षण चल रहा है. इसमें 6 साल की बच्चियों से लेकर 80 साल तक की महिलाएं भी आत्मरक्षा के लिए तलवार चलाना सीखने आती है. अब तक 400 से ज्यादा महिलाएं आत्मरक्षा के लिए तलवार चलाना सीख चुकी हैं. अब भी लगातार महिलाएं सीखने के लिए आ रही हैं.

Advertisement

राजस्थान के बाहर भी उठ रही है मांग

महिलाओं और बच्चियों को तलवार चलाने का प्रशिक्षण देने वाली एडवोकेट सोनम पुरोहित ने बताया कि नवरात्रि में हर बार हाथों से और डांडिया से गरबा रास होता आया है. लेकिन इस बार महिला शक्ति को तलवार से गरबा रास की सोचा. इसलिए प्रशिक्षण देकर तैयार किया. उन्होंने बताया कि लंबे समय से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यहीं नहीं प्रशिक्षण के वीडियो सोशल मीडिया पर डाले तो उदयपुर ही नहीं राजस्थान के कई हिस्सों से फोन आए और वहां भी सीखने गए. अब राज्य के बाहर से भी कॉल आ रहे हैं कि उन्हें तलवार का प्रशिक्षण दिया जाए.

Advertisement
'तलवार चलाने में होता गर्व महसूस'

संस्थान में तलवार चलाना सीखने आई कविता साहू ने बताया कि तलवार चलाना पहले से सीखने की इच्छा थी और फिर सीखने के लिए यहां आई. जब पहली बार तलवार उठाई तो गर्व महसूस हुआ. लगा कठिन होगा, लेकिन कुछ ही दिन में सिख गई. अब जो भी कार्यक्रम होते हैं उनके तलवार रास करते हैं, ताकि दूसरी महिलाएं भी इसके लिए आगे आए और आत्म रक्षा के लिए जरूर सीखे. यहीं नहीं, महिलाएं अपने पास एक तलवार जरूर रखें.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- वसुंधरा राजे ने रतन टाटा को बताया राजस्थान का मित्र, बोलीं- 'उन्हें हमेशा याद किया जाएगा'