डिजिटल अरेस्ट का अनोखा मामला, बुजुर्ग को ऑनलाइन कोर्ट में फंसाया... जज ने दिया गिरफ्तारी का आदेश; ठग लिये 23 लाख

पीड़ित ने 27 मई, 2025 को जयपुर साइबर क्राइम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि 23 मई को उन्हें दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल आए थे.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Digital Arrest Case

Cyber Crime: साइबर ठगों ने 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर एक 75 वर्षीय बुजुर्ग को निशाना बनाते हुए 23.56 लाख रुपये की बड़ी ठगी को अंजाम दिया है. जयपुर के इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य बैंक खाताधारक सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेंद्र पुत्र बलबीर सिंह जो झुंझुनू का रहने वाला है उसे रोहणी नई दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी साइबर अपराधियों के खिलाफ चल रहे अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है.

कैसे फंसा बुजुर्ग ठगों के जाल में 

एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार ने बताया कि पीड़ित ने 27 मई, 2025 को जयपुर साइबर क्राइम पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि 23 मई को उन्हें दो अलग-अलग मोबाइल नंबरों से कॉल आए थे. कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन से 'संजय कुमार' बताया. ठग ने पीड़ित को डराया कि उनके नाम से खरीदे गए एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और आपत्तिजनक संदेश भेजने के लिए किया गया है. उसे बताया गया कि उसके खाते में 2.80 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हो चुका है.
        
एसपी कुमार ने बताया कि ठगों ने मामले को और विश्वसनीय बनाने के लिए पीड़ित की बात सीबीआई के मुख्य जांच अधिकारी रोहित कुमार गुप्ता से करवाई. इस नकली अधिकारी ने भी वही बातें दोहराईं और पीड़ित को एक वीडियो कॉल पर एक अदालत का दृश्य दिखाया, जिसमें एक न्यायाधीश डेस्क पर बैठकर आदेश देते हुए दिख रहे थे. न्यायाधीश ने कथित तौर पर आदेश दिया कि यदि पीड़ित जिनका नाम संतोष कुमार भार्गव बताया गया, राशि जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाए और उनके सभी खाते फ्रीज कर दिए जाएं. इस सुनियोजित जाल में फंसकर पीड़ित ने 26 मई, 2025 को कृष्णा सर्जिकल नाम के आईसीआईसीआई बैंक खाते में 23.56 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए.

Advertisement

साइबर पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सफलता 

शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम पुलिस थाना, जयपुर ने तुरंत एफआईआर संख्या 04/2025 दर्ज की और उप पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार मेवानी के नेतृत्व में जांच शुरू की गई. पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम और एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार के सुपरविजन में टीम ने गहन तकनीकी विधियों का उपयोग करते हुए आईसीआईसीआई बैंक खाते का विश्लेषण किया.

Advertisement

अकाउंट में जमा हुए थे 3 करोड़

जांच में सामने आया कि 26 मई को इस खाते में पीड़ित सहित विभिन्न व्यक्तियों से लगभग 3 करोड़ रुपये जमा हुए थे और उसी समय नेट बैंकिंग के माध्यम से अन्य खातों में स्थानांतरित कर दिए गए थे. यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत खाताधारक की पहचान कर ली. साइबर क्राइम पुलिस थाना से सहायक उपनिरीक्षक अजय कुमार और हेड कांस्टेबल दौलतराम के नेतृत्व में एक टीम तत्काल दिल्ली के लिए रवाना हुई.

Advertisement

टीम ने सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेंद्र को शुक्रवार 30 मई को उसके दिल्ली स्थित निवास से धर दबोचा. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ चंडीगढ़ और सोनीपत के साइबर क्राइम पुलिस थानों में भी इसी तरह के धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं. आरोपी फिलहाल पुलिस अभिरक्षा में है और उससे आगे की पूछताछ जारी है, जिससे इस बड़े साइबर धोखाधड़ी रैकेट के अन्य सदस्यों का भी खुलासा होने की संभावना है.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan: 150 करोड़ का लेनदेन, 30 वेबसाइटें, राजस्थान में ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह का भंडाफोड़; 3 इंजीनियर गिरफ्तार