Rajasthan Election 2023: कांग्रेस की छठी लिस्ट से जोधपुर में बवाल, नामांकन वाले दिन CM अशोक गहलोत को काले झंडे दिखाने का ऐलान

Ashok Gehlot Nomination: राजस्थान के मुख्यमंत्री 6 नवंबर को जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. इस दौरान पहली बार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी वहां मौके पर मौजूद रहेंगे.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

Rajasthan News: राजस्थान का चुनावी रण जितने के लिए कांग्रेस ने शनिवार रात 23 और प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है. सीएम अशोक गहलोत इस बार रिवाज बदलने की बात कह रहे हैं, लेकिन कल देर रात उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद से ही उनके गृह नगर में बवाल मचा हुआ है. सूरसागर विधानसभा से दिए गए टिकट को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ता नाराज हो गए हैं, और अब वे सोमवार को मुख्यमंत्री के जोधपुर दौरे के दौरान काले झंडे दिखाने व पुतला दहन करने की बातें कर रहे हैं. इतना ही नहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच ने भी पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसकी घोषणा की.

सड़कों पर शुरू हुई नारेबाजी

दरअसल, कांग्रेस ने सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से पिछली बार के हारे हुए प्रत्याशी प्रोफेसर अयूब खान के बेटे को टिकट दिया है. उससे पहले कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी प्रोफेसर अयूब खान को आरपीएससी का सदस्य भी आचार संहिता लगने के दिन ही बनाया गया था. ऐसे में जब अयूब के बेटे को टिकट मिला तो कांग्रेसियों का पारा हाई हो गया. वैसे तमाम कांग्रेसी कार्यकर्ता टिकट वितरण से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ही फैसला छोड़ चुके थे कि मुख्यमंत्री जो भी निर्णय लेंगे वह उनके साथ रहेंगे. लेकिन देर रात को आई छठी सूची में शहजाद खान का नाम आने के साथ ही रात भर सोशल मीडिया के साथ-साथ सड़कों पर भी लोग अशोक गहलोत के खिलाफ नारेबाजी करते देखे गए.

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विरोध कैसे शांत करेंगे गहलोत?

ऐसा नहीं है कि मुख्यमंत्री के गृह नगर में सीएम के सबसे करीबी नेता पूर्व महापौर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं. इससे पहले बाड़मेर जिले में भी सिवाना सीट से कांग्रेस के सीनियर नेता सुनील परिहार ने भी अपनी ताल ठोक दी और उन्होंने भी सोमवार को निर्दलीय फॉर्म भरने का निर्णय किया है. कल रात को 6 सूची आने के साथ ही अब कयास लगाया जा रहा है कि इस बार मुख्यमंत्री को भी सरदारपुरा में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी. देखना यह है कि मुख्यमंत्री इस विरोध को कैसे शांत करते हैं या टिकट बदलते हैं? यह तो वक्त बताएगा. लेकिन कह सकते हैं कि कांग्रेस की छठी सूची आने के साथ ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त नाराजगी है और उन्होंने खुली चेतावनी दी है कि न केवल सूरसागर सीट बल्कि अन्य दोनों सीटों पर भी उनका असर देखने को मिलेगा. फिलहाल अब नजरे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जोधपुर दौरे को लेकर टिकी हुई हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन परिस्थितियों को कैसे हैंडल कर पाते हैं.

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