अमेरीका की राजदूत 2 दिवसीय दौर पर पहुंची राजस्थान, 18वीं शताब्दी की बंदूकें और तोपों को देख हुईं उत्साहित

US Ambassador in Bharatpur: राजकीय संग्रहालय में बेहद बेशकीमती मूर्तियां और18वीं शताब्दी की बंदूकें और तोपों को देखकर अमेरीका की राजदूत बेहद प्रसन्न और उत्साहित नजर आईं.

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अपने बेटे के साथ प्राचीन चीजों को देखती अमेरीका की राजदूत की तस्वीर

US Ambassador's visit to Rajasthan: अमेरीका की राजदूत पेट्रिसिया ए लेसीना शनिवार को दो दिवसीय भरतपुर भ्रमण पर पहुंची है. लेंसीना अपने बेटे के साथ किला स्थित राजकीय संग्रहालय पहुंची. इस दौरान उन्होंने राजकीय संग्रहालय में सबसे अनोखी और प्राचीन कलाकृतियां और पुरातात्विक संसाधन को देखा. साथ ही अब रविवार को विश्व धरोहर केवलादेव नेशनल पार्क का भी भ्रमण करेंगी. अमेरीका की राजदूत पेट्रिसिया ए लेंसीना की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 2 दिवसीय दौरा

अमेरीका की राजदूत पेट्रिसिया ए लेसीना शनिवार दोपहर भरतपुर के 2 दिवसीय दौरे पर पहुंची. जहां सारस स्थित एक निजी होटल में रुकने के बाद शाम को किला स्थित राजकीय संग्रहालय में प्राचीन कलाकृतियां और पुरातात्विक संसाधन को देखा. राजकीय संग्रहालय में बेहद बेशकीमती मूर्तियां और18वीं शताब्दी की बंदूकें और तोपों को देख बेहद प्रसन्न नजर आईं. उनके साथ आए गाइड ने यहां की कला और संस्कृति से रूबरू करवाया. उन्होंने प्राचीन कलाकृतियां और पुरातात्विक संसाधनों की प्रशंसा भी की. इस मौके पर उनके साथ उनके बेटे भी मौजूद थे. उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.

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1944 में रखी गई नींव

राजकीय संग्रहालय की नींव महाराजा ब्रजेन्द्र सिंह ने लोहागढ़ दुर्ग में 1944 ई. में रखी. संग्रहालय में प्रतिमाओं, मृण्मूर्तियों, धातु प्रतिमाओं, ईटों और शिलालेखों के रूप में पुरावस्तुएं संग्रहित हैं. नोह से प्राप्त कुषाणकालीन पूर्ण बोधिसत्व प्रतिमा, वैर से प्राप्त 10वीं शताब्दी की देवी चक्रेश्वरी की प्रतिमा, कामां से प्राप्त गुप्तोतर काल की शिव-पार्वती की प्रतिमा कलात्मक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं.

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केवलादेव नेशनल पार्क का करेंगी भ्रमण

इस संग्रहालय में चौथी शताब्दी ईसा पूर्व से बीसवीं शताब्दी तक के स्वर्ण, रजत, ताम्र एवं मिश्र धातु के सैंकड़ों सिक्के संग्रहीत हैं. राजकीय संग्रहालय भरतपुर में संग्रहीत और प्रदर्शित सामग्री इस क्षेत्र की कला, संस्कृति और इतिहास के बारे में जानकारी देती है. यह रविवार को विश्व धरोहर केवलादेव नेशनल पार्क का भ्रमण करेंगी. इस भ्रमण को देखते हुए केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है.

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