Rajasthan: 4 किलो से ज्यादा के जेवर, लाखों रुपये... IT रेड में उत्कर्ष कोचिंग के निदेशक के बंगले से और क्या-क्या मिला?

आयकर विभाग की कार्रवाई पूरी होने के बाद उत्कर्ष कोचिंग के निदेशक ने कहा कि जितना आयकर बनता है, वह पूरा जमा कराते हैं. आटे में नमक जितना भी गलत नहीं है, जो था सब लीगल था.

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उत्कर्ष कोचिंग के निदेशक निर्मल गहलोत के बंगले से क्या-क्या मिला

Rajasthan News: उत्कर्ष कोचिंग के ठिकानों पर आयकर विभाग की लगातार तीन दिन से जारी सर्च की कार्रवाई पूरी हो गई. आयकर विभाग ने उत्कर्ष की डील, प्ऱपर्टी से जुड़े दस्तावेज, कोचिंग में दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स की संख्या और उनसे वसूली गई फीस से जुड़े कागजी व इलेक्ट्रोनिक सबूतों को जब्त किया है. आयकर विभाग की कार्रवाई पूरी होने के बाद उत्कर्ष कोचिंग के निदेशक खुद सामने आया और करोड़ों के घपलेबाजी के आरोपों व टैक्स चोरी पर सफाई दी. उनकी तरफ से कहा गया कि जांच में पूरा सहयोग किया है. आटे में नमक जितना भी गलत नहीं है, जो था सब लीगल था.

17 जगहों पर आयकर विभाग की छापेमारी

दरअसल, बीते गुरुवार की सुबह उत्कर्ष कोचिंग ग्रुप के जोधपुर, जयपुर, प्रयागराज, इंदौर समेत 17 जगहों पर आयकर विभाग की टीम ने सर्च की कार्रवाई शुरू हुई थी. आयकर विभाग के पास उत्कर्ष के कर चोरी करने के कुछ इनपुट थे, जिसके आधार पर यह सर्च हुई. इसमें फिजिक्सवाला के साथ कई सौ करोड़ की डील, एनजीओ को बड़े डोनेशन देने, सामान खरीद के फर्जी बिलों से खर्चा दिखाने, प्रॉपर्टी में निवेश करने जैसे बिंदुओं पर जांच की जा रही थी.

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आयकर विभाग की टीमों ने कोचिंग क्लासेस पर कर्मचारियों के बयान लेने, स्टूडेंट्स व फीस का डाटा एकत्रित करने के बाद पूरी जांच बासनी स्थित उत्कर्ष के मुख्यालय और उम्मेद हेरिटेज स्थित निदेशक निर्मल गहलोत के बंगले पर जांच का फोकस बढ़ा दिया था. उधर आयकर विभाग की कार्रवाई पूरी होने के बाद उत्कर्ष के निदेशक निर्मल गहलोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हमने आयकर विभाग को जॉंच में पूरा सहयोग किया.

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निर्मल गहलोत के मुताबिक, जितना आयकर बनता है, वह पूरा जमा कराते हैं. हमने कभी भी किसी डील में कैश में ट्रांजेक्शन नहीं किया है. उत्कर्ष ने आटे में नमक के बराबर भी टैक्स में चोरी नहीं की है.

निदेशक के घर से कितने रुपये मिले

उन्होंने कहा कि जो डाटा मांगा वह सब प्रस्तुत किया. मेरे घर से 13,26,050 रूपये की नकदी मिली, जोकि हमारे परिवार के 10 सदस्यों द्वारा बैंक से विड्रा की गई राशि ही थी. जिसके साक्ष्य भी प्रस्तुत कर दिये गये. इसके अलावा घर की चार महिला सदस्यों व छ: पुरुष सदस्यों की कुल 4.5 किलोग्राम ज्वेलरी मिली (जिसमें से अधिकांश मांगलिक अवसरों पर बड़ों से मिले उपहार थे व शेष ज्वेलरी के बिल थे).

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इसके अलावा प्रॉपर्टी के कागजात मिले. गहलोत के मुताबिक, विभाग के अधिकारी ये जानकार हैरान थे कि प्रॉपर्टिज की रजिस्ट्री डी.एल.सी. रेट में नहीं, बल्कि मार्केट वेल्यू में की गई है. मतलब हमने प्रॉपर्टिज के लेन-देन में भी कभी कैश ट्रांजेक्शन नहीं किया. जितनी भी संस्थाओं को डोनेशन दिए हैं. वह भी हमेशा चेक से ही किया है. विद्यार्थियों की फीस सॉफ्टवेअर में एंट्री मिली. आयकर विभाग ने सभी सेंटर से डाटा कलेक्ट किये हैं. आयकर विभाग को कोई इनपुट मिले होंगे, उसके आधार पर उन्होंने सर्च कार्यवाही की, जिसमें मेरी व मेरी टीम ने पूरा सहयोग किया है व बाद में भी पूरा सहयोग करेंगे.

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