विभाजन की बात कर भावुक हुए वासुदेव देवनानी, छलका आंसू... कहा- कल की बात लगती है

वासुदेव देवनानी ने कहा कि विभाजन केवल भूगोल का नहीं बल्कि संस्कृति और सामाजिक आत्मा का हुआ था. सिंध, पंजाब और बंगाल इसके सबसे बड़े गवाह रहे.

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वासुदेव देवनानी

Vasudev Devnani: राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी उस समय भावुक हो गए जब उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के साथ जुड़ी विभाजन की त्रासदी को याद किया.  मंगलवार को राजकीय संग्रहालय में आयोजित विभाजन विभीषिका दिवस प्रदर्शनी में भावुक माहौल बन गया. तस्वीरों में सजी दर्दभरी कहानियों और विभाजन की यादों ने सभी को गहरे तक छू लिया. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी जब यह कहते हुए मंच पर बोले कि “विभाजन तो कल की ही बात लगती है”, तो उनका गला रुंध गया और आंखों से आंसू छलक पड़े. वहीं वहां उपस्थित बुजुर्ग भी अपनी स्मृतियों में लौटकर रो पड़े.

विभाजन भूगोल का नहीं संस्कृति और सामाजिक आत्मा का हुआ

देवनानी ने कहा कि विभाजन केवल भूगोल का नहीं बल्कि संस्कृति और सामाजिक आत्मा का हुआ था. सिंध, पंजाब और बंगाल इसके सबसे बड़े गवाह रहे. करोड़ों लोग बेघर हुए, लाखों मारे गए, रेलगाड़ियां लाशों से भरी आईं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभाजन विभीषिका दिवस मनाने की परंपरा को उन्होंने शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताया. उन्होंने घोषणा की कि संग्रहालय में भारत विभाजन गैलरी बनाई जाएगी, जिसके लिए 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी हो चुकी है.

देवनानी ने युवाओं को दी बुजुर्गों से प्रेरणा लेनी की सलाह

कार्यक्रम में विभाजन झेल चुके 60 से अधिक बुजुर्गों का सम्मान किया गया. उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे सब कुछ छोड़कर शरणार्थी बनना पड़ा, छोटे-मोटे काम कर फिर से जीवन की शुरुआत करनी पड़ी. देवनानी ने भी अपने बचपन के संघर्ष साझा करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को अपने बुजुर्गों की मेहनत और बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए.

इस अवसर पर पृथ्वीराज फाउंडेशन की ओर से फोटो जर्नलिस्ट दीपक शर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष को तारागढ़ व आनासागर की तस्वीर भेंट की. कार्यक्रम में रमेश सोनी, विरम देव सिंह, सुरेश सिंधी सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे. विभाजन की विभीषिका और संघर्ष की कहानियों ने सभी को गहरे तक प्रभावित किया.

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