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राजस्थान प्री प्राइमरी स्तर पर संस्कृत विषय अनिवार्य करने वाला पहला राज्य बनेगा, किताबें कर दी गई है लॉन्च

पहले चरण में संस्कृत शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले प्री-प्राइमरी स्कूलों में इसे शुरू किया जाएगा. वर्तमान में इन स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं नहीं हैं, लेकिन लगभग 757 प्री-प्राइमरी संस्कृत स्कूल प्रस्तावित हैं जो अगले एक महीने में शुरू हो जाएंगे. इनमें शुरुआत से ही संस्कृत अनिवार्य होगी.

राजस्थान प्री प्राइमरी स्तर पर संस्कृत विषय अनिवार्य करने वाला पहला राज्य बनेगा, किताबें कर दी गई है लॉन्च
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व की राजस्थान सरकार प्रदेश के सभी स्कूलों में प्री-प्राइमरी स्तर से संस्कृत को अनिवार्य विषय के रूप में लागू करने जा रही है. अधिकारियों के अनुसार, यह फैसला लागू होने पर राजस्थान देश का पहला राज्य होगा, जहां प्री-प्राइमरी कक्षाओं से ही संस्कृत पढ़ाई जाएगी. संस्कृत शिक्षा आयुक्त प्रियांका जोधावत ने बताया कि इस संबंध में वर्ष की शुरुआत में ही कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा जा चुका है. हमने पाठ्यक्रम का ढांचा तैयार कर लिया है और किताबें भी लॉन्च कर दी है. कैबिनेट की अंतिम मंजूरी मिलते ही कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी.

योजना को तीन चरणों में लागू किया जाएगा

पहले चरण में संस्कृत शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले प्री-प्राइमरी स्कूलों में इसे शुरू किया जाएगा. वर्तमान में इन स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं नहीं हैं, लेकिन लगभग 757 प्री-प्राइमरी संस्कृत स्कूल प्रस्तावित हैं जो अगले एक महीने में शुरू हो जाएंगे. इनमें शुरुआत से ही संस्कृत अनिवार्य होगी.

दूसरे चरण में 962 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों (MGEMS) और तीसरे चरण में 660 पीएम-श्री स्कूलों की प्री-प्राइमरी कक्षाओं में अगले वर्ष से संस्कृत शुरू की जाएगी.  वर्तमान में संस्कृत, संस्कृत स्कूलों की सभी कक्षाओं में अनिवार्य है, जबकि MGEMS स्कूलों में यह कक्षा 9 से 12 तक तीसरी भाषा के रूप में वैकल्पिक है. हिंदी माध्यम और पीएम-श्री स्कूलों में यह कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाई जाती है.

यह पुस्तकें हुईं लांच 

प्री-प्राइमरी स्तर पर विषय शुरू करने के लक्ष्य के साथ शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 28 जून को राज्य स्तरीय "भामाशाह सम्मान समारोह" के मंच से राजस्थान राज्य संस्कृत शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (RSSIERT) द्वारा तैयार तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया.

ये पुस्तकें NCERT और राज्य सरकार दोनों से स्वीकृत हैं, जिन्हें सरल और आकर्षक कॉमिक शैली में डिजाइन किया गया है ताकि छोटे छात्र आसानी से जुड़ सकें. ‘संस्कृतप्रवेशः : बालवाटिका प्रथम वाग्' (प्री-प्राइमरी प्रथम स्तर), ‘संस्कृतप्रवेशः : बालवाटिका द्वितीय वाग्' (प्री-प्राइमरी द्वितीय स्तर), ‘संस्कृतप्रवेशः : बालवाटिका तृतीय वाग्' (प्री-प्राइमरी तृतीय स्तर) पुस्तकें लांच की गई हैं.  अधिकारियों का कहना है कि इन पुस्तकों के माध्यम से बच्चों को संस्कृत की आधारभूत शब्दावली और व्याकरण से परिचय कराया जाएगा.

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