
Rajasthan News: नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की किताब में एक ऐसा नक्शा छपा है, जिसने राजस्थान में खासा बवाल खड़ा कर दिया है. इस नक्शे में मेवाड़ समेत राजस्थान के कई हिस्सों को 1759 के मराठा साम्राज्य का हिस्सा बताया गया है. इस पर अब मेवाड़ राजपरिवार के पूर्व महाराणा और विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने तीखी आपत्ति जताई है.
NCERT में पढ़ाने वाले ये शिक्षाविद कौन हैं?
विश्वराज सिंह ने 5 अगस्त की रात 8:30 बजे सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा, 'NCERT ने जिस तरह से मेवाड़ को मराठा साम्राज्य का हिस्सा बताया है, वो न सिर्फ ऐतिहासिक रूप से गलत है, बल्कि शर्मनाक भी है. इतिहास में एक बार हमें मुगलों का अधीन बताया गया, फिर अंग्रेजों का और अब मराठाओं का? आखिर कब तक हमारे इतिहास के साथ ऐसा खिलवाड़ होता रहेगा?' उन्होंने सवाल उठाया कि NCERT में पढ़ाने वाले ये शिक्षाविद कौन हैं, जो खुद इतिहास नहीं जानते? क्या वे भारत का सही इतिहास पढ़ा सकते हैं?
पहले अंग्रेजों के अधीन, अब मराठों के अधीन बताकर इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। एनसीईआरटी के शिक्षाविदों की ऐसी भूलें गंभीर सवाल उठाती हैं। क्या ये विद्वान भारत के तथ्यात्मक इतिहास को सही रूप में प्रस्तुत करने में सक्षम हैं? इस पर गहरा संदेह है।#IndianHistory #NCERT pic.twitter.com/uLA5QaYt8W
— Vishvaraj Singh Mewar (@VishvarajSMewar) August 5, 2025
नक्शे में सुधार और दोषियों पर कार्रवाई की मांग
विश्वराज सिंह ने इस पूरी घटना को 'तथ्यहीन, भ्रामक और एजेंडा-चालित' करार दिया. उनका कहना है कि ये सिर्फ एक मानचित्र की गलती नहीं है, बल्कि मेवाड़ जैसे स्वाभिमानी और स्वतंत्र राज्य के गौरव को मिटाने की साजिश है. उन्होंने केंद्र सरकार और एनसीईआरटी से मांग की है कि इस मानचित्र में सुधार किया जाए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो.
First misrepresented as under British, now as under Marathas - who is going to educate the educationists in NCERT?! Are they capable of presenting the factual history of India - seriously doubt it.#IndianHistory #NCERT #Education@ncert pic.twitter.com/wQJqMFcECT
— Vishvaraj Singh Mewar (@VishvarajSMewar) August 5, 2025
इस मुद्दे पर पूर्ववर्ती जैसलमेर, अलवर और बूंदी राजघरानों के सदस्य भी सामने आए हैं और NCERT की आलोचना की है. सभी का कहना है कि राजस्थान की रियासतें मराठा अधीन कभी नहीं रहीं.
'दिखावा बंद करें, हमारे बच्चों का ब्रेनवॉश न करें'
बूंदी के पूर्व राजघराने के सदस्य ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) भूपेश सिंह हाड़ा ने इसे एक काल्पनिक साम्राज्य बताया. उन्होंने लिखा- यह कौन सा कपोल- कल्पित साम्राज्य है जिसने राजपूताना पर शासन किया? उन्होंने बताया, 'हम मराठों के अधीन कभी नहीं थे. हमारे स्वाभिमान को मनगढ़ंत कहानियों से मत आहत कीजिए. अपने ही लोगों पर अत्याचार कर लूटपाट करने को साम्राज्य नहीं बोला जाता.' केंद्रीय शिक्षा मंत्री और एनसीईआरटी को टैग करते हुए उन्होंने कहा कि कृपया यह दिखावा बंद करें, हमारे बच्चों का ब्रेनवॉश न करें.
नक्शे में क्या दर्शाया गया है?
इस नक्शे में भारतीय उपमहाद्वीप के उस विशाल भूभाग को दर्शाया गया है जो कथित तौर पर 1759 में मराठा साम्राज्य के अधीन आता था. इस भूभाग में राजस्थान को भी शामिल किया गया है. यह मानचित्र उत्तर-पश्चिम में पेशावर से लेकर दक्षिण में तंजावुर तक, और पश्चिम में सूरत और मुंबई से लेकर पूर्व में कटक और पटना तक मराठा प्रभाव को भी दर्शाता है.
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