Rajasthan Assembly Elections 2023: प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
(Vice President Jagdeep Dhankhar) के राजस्थान दौरों पर बीते कुछ दिनों से सियासत जारी है. सीएम गहलोत ने उपराष्ट्रपति के दौरों पर सवाल उठाते हुए उनसे चुनाव तक मेहरबानी करने की अपील की थी. अब सीएम गहलोत द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने खुद दिया है. शुक्रवार को सीकर के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को बेवजह राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए, ऐसा करना ठीक नहीं है.
धनखड़ का यह बयान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उन टिप्पणियों के जवाब के रूप में देखा जा रहा है जो उन्होंने उपराष्ट्रपति के बार-बार राजस्थान के दौरे पर आने को लेकर की थी. गहलोत ने 28 सितंबर को कहा था कि वह उपराष्ट्रपति का बहुत सम्मान करते हैं लेकिन चुनावी माहौल में उनके दौरों से कई तरह के संदेश जाएंगे जो लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं होगी.
मैं यहां आया हूं, यह कोई गलत काम नहींः धनखड़
धनखड़ ने शुक्रवार को लक्ष्मणगढ़ में एक निजी विश्वविद्यालय में कार्यक्रम में कहा,‘‘मैं यहां पर आया हूं. यह कोई गलत काम थोड़े ही है? पहले भी कई जगह गया पर कुछ लोगों ने कहा कि आप बार-बार क्यों आते हैं. मुझे समझ में नहीं आता है कि आप ‘बार-बार' की बात क्यों कह रहे हैं? मैं थोड़ा अचंभित हो गया क्योंकि कहने वाले न तो संविधान को पढ़ा, न कानून को पढ़ा, न अपने पद की मर्यादा रखी.''
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कविता पढ़कर गहलोत को दिया जवाब
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आगे कहा, ''मुझे इस मामले में क्यों घसीटा, मेरा काम तो संविधान सम्मत था, जनता के भले के लिए था, कृषक पुत्र होने के नाते किसान संस्थाओं में गया, शिक्षा का मैं प्रोडक्ट हूं, शिक्षा की वजह से मेरी उन्नति हुई है तो मैं हर जगह संस्थाओं में भी गया, बाकी मेरी यात्रा विधानसभा के अध्यक्ष के निमंत्रण पर हुई. केंद्र सरकार के कार्यक्रमों में हुई, राज्य सरकार ने कोई कार्यक्रम नहीं बनाया, नहीं बुलाया, मुझे तो परेशानी नहीं है.
इसके बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक कविता के सहारे अपनी बातें रखी. उन्होंने कहा-
"खता क्या ही हमने, पता ही नहीं
आपत्ति क्यों है उन्हें, हमारे घर आने की, पता ही नहीं
ये कैसा मंजर है, समझ से परे है
सवालिया निशान क्यों है, अपने घर आने में
क्या जुल्म है, पता ही नहीं''
यह हमारा देश, हम सब देश के सेवकः धनखड़
धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस बात से पीड़ा है कि उन्हें इस मामले में क्यों घसीटा गया जबकि उनका काम तो संविधानसम्मत है. उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा,‘‘यह हमारा देश है, राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री तक हम सब इस देश के सेवक हैं, चाहे हमारा कोई भी पद हो. हमें ऐसी कोई धारणा पैदा नहीं करनी चाहिए जिससे बेवजह संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति को राजनीति में घसीटा जाए, यह ठीक नहीं है.
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