Rajasthan News: भाजपा के कद्दावर नेता पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत सीट चूरू को छोड़कर तारानगर सीट से इस बार मैदान में उतरे थे. हालांकि यहां पर उनको हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन हार के बावजूद चूरू जिले में राजेंद्र राठौड़ का अभी भी दबदबा बरकरार है. राजेंद्र राठौड़ जहां भी जाते हैं उनके चाहने वाले उनके समर्थक उनके पीछे-पीछे लग जाते हैं. राठौर जब भी चुरू जिले के दौरे पर रहते हैं तो उनके निवास स्थान पर या फिर उनके कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहते हैं.
बुजुर्ग महिला ने दिए 200 रुपये
वहीं शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान दिलचस्प वाक्य देखने को मिला. राजेंद्र राठौड़ जिले के तारानगर विधानसभा के गांव बिरमी खालसा में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित विभिन्न नवीनीकरण कार्य के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे. इसी दौरान एक बुजुर्ग महिला ने मंच पर चढ़ कर राजेंद्र राठौड़ की पीठ थपथपाते हुए उन्हे आशीर्वाद स्वरूप 200 का नोट देकर आशीर्वाद दिया.
6 करोड़ रुपये का विकास कार्य आयोजित
तारानगर भाजपा के वरिष्ठ नेता राकेश जांगिड़ ने बताया कि चूरू जिले में तारानगर की ग्राम पंचायत बिरमी खालसा द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित विभिन्न नवीन कार्यों के 'लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम' में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और चूरू लोकसभा प्रत्याशी पद्मभूषण देवेंद्र झाझड़िया सम्मिलित हुआ. 6 करोड़ की लागत से विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित हुआ था.
'राठौड़ तू हारेडो कोणी तू जीतेड़ो है'
कार्यक्रम के दौरान गांव की बुजुर्ग महिला मोहिनी देवी जाट ने मंच पर आकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की पीठ थपथपाते हुए कहा कि 'राठौड़ तू हारेडो कोणी तू जीतेड़ो है, तू राजस्थान को शेर है'. इस दौरान मोहिनी देवी ने आशीर्वाद स्वरुप राजेंद्र राठौड़ को ₹200 का नोट भी दिया, जिस पर राठौर ने कहा कि यह आशीर्वाद मैं जिंदगी पर संभाल कर रखूंगा.
7 बार विधायक रह चुके हैं राठौड़
वही इस घटना की चर्चा अब सोशल मीडिया पर भी जमकर हो रही है. गौरतलब हैं की राजेंद्र राठौड़ चूरू विधानसभा सीट से लगातार 7 बार विधायक रहें. लेकिन इस चुनाव में राठौर ने अपनी परंपरागत चुरु सीट अपने सबसे करीबी मित्र हरलाल सारण के लिए छोड़ दी थी, जिसके बाद उन्होंने तारानगर का रुख किया.
चूरू में लगातार रहें सक्रिय
हालांकि तारानगर सीट पर राजेंद्र राठौड़ को कांग्रेस के नेता नरेंद्र बुढ़ानिया से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं चूरू सीट पर राजेंद्र राठौड़ अपने करीबी मित्र हरलाल सारण को विजय दिलाने में कामयाब रहे थे. वहीं तारानगर में हार के बाद भी राजेंद्र राठौड़ की सक्रियता कम नहीं हुई है, वह लगातार चूरू क्षेत्र में सक्रिय हैं.
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