राजस्थान में आचार संहिता का उल्लंघन, जिला प्रशासन से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

राजस्थान के जोधपुर में आचार संहिता उल्लंघन का मामला सामने आया है. वहीं इसकी शिकायत करने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई.

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Code of Conduct in Rajasthan: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल फूंक चुका है. चुनाव आयोग ने पूरे देश में आचार संहिता लागू किया है. वहीं, आयोग ने साफ कहा है कि आचार संहिता का उल्लंघन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इसके लिए ऐप भी लॉन्च किया गया है जिसे लेकर दावा किया गया है कि 100 मिनट के अंदर ही काईरवाई की जाएगी. लेकिन इसके बावजूद आचार संहिता उल्लंघन का मामला आना शुरू हो चुका है. 24 घंटे बाद ही राजस्थान के जोधपुर में चुनाव ड्यूटी में लगे हुए बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को स्कूल प्रसासन की लापरवाही के चलते स्कूल के बाहर बैठकर चुनाव संबंधित मतदाता सूची जैसे कामों को करना पड़ा.

बताया जा रहा है कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को स्कूल प्रशासन की लापरवाही के चलते 4 घंटे से भी अधिक समय तक स्कूल के बाहर बैठे रहने पर मजबूर होना पड़ा. जहां स्कूल प्रशासन ने न तो स्कूल के ताले खोले और न ही चुनाव ड्यूटी में लगे बीएलओ को स्कूल में प्रवेश करने दिया. जबकि निर्वाचन आयोग की ओर से शहर विधानसभा क्षेत्र के गुलाब सागर के पास स्थित उम्मेद उच्च माध्यमिक विद्यालय में 4 बूथ बनाए गए हैं. जहां चुनाव ड्यूटी में लगे इन बीएलओ को रविवार को अपने बूथ में उपस्थित रहकर मतदाता सूचियों से जुड़े कार्य को संपादित करना था.

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जिला प्रशासन से की गई शिकायत भी फेल

बीएलओ सुबह 10 बजे स्कूल में बने बूथ पर पहुंच तो गए लेकिन स्कूल प्रशासन की तानाशाही के चलते स्कूल का ताला नहीं खोला गया. चुनाव ड्यूटी में लगे इन बीएलओ ने इस संबंध में जिला निर्वाचन विभाग से जुड़े उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवाया. लेकिन स्कूल प्रशासन की बेखोफ तानाशाही के आगे उच्च अधिकारियों के आदेश भी हवा होते देखे. जिसका खामियाजा इन चुनाव ड्यूटी में लगे बीएलओ को झेलना पड़ा. इन लोगों को मजबूरी में सड़क किनारे बैठकर ही मतदाता सूचियां के कार्य को करना पड़ा.  इससे मतदाता सूचियां में नाम जुड़वाने और नाम संशोधित करवाने के लिए आने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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एनडीटीवी की टीम ने गुलाब सागर के पास स्थित श्री उम्मेद उच्च माध्यमिक विद्यालय के बाहर मौके पर जाकर स्कूल के बाहर बैठे इन बीएलओ से बात की. तो उन्होंने अपनी समस्या को बताते हुए कहा कि स्कूल प्रशासन ताला नहीं खोल रहा है. जिसके कारण उन्हें मजबूरी में स्कूल के बाहर ही बैठकर कार्य करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि इस संबंध में उन्होंने उच्च अधिकारियों को भी अवगत करवाया है. लेकिन किसी प्रकार का स्कूल प्रशासन का संतोषजनक जवाब नहीं मिला है.

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