राजस्थान के निजी स्कूलों में फीस एक्ट का उल्लंघन, हाईकोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार

राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल की फीस से लेकर मनमाने तरीके से बुक्स और यूनिफॉर्म के लिए पाबंदित करने को लेकर फटकार लगाई है.

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Rajasthan Scool Fee: राजस्थान हाईकोर्ट में प्रदेश के निजी स्कूलों में फीस एक्ट के उल्लंघन बढ़े हुए फीस के फैसले को चुनौती  अभिभावकों ने याचिका दायर की थी. इस याचिका पर गुरुवार (16 मई) को हाईकोर्ट ने सुनवाई की. वहीं इस सुनावाई में हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल की रिपोर्ट को सतही बताते हुए नाराजगी जताई है. जस्टिस समीर जैन की अदालत ने कहा हम सरकार की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं. सरकार को स्कूलों के अकाउंट्स की ऑडिट करनी चाहिए. 

असल में प्रदेश के कई स्कूलों ने राजस्थान फीस एक्ट 2016 और 2017 के विपरीत फीस में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया था. अभिभावकों की सरकारी स्तर पर सुनवाई नहीं होने से इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.

स्कूल बिजनेस बन चुका है- हाईकोर्ट

कोर्ट ने अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि स्कूल बिजनेस बन चुके हैं. ऐसे में इनके अकाउंट्स की ऑडिट होना बहुत जरूरी है. विभाग चाहे तो इसमें इनकम टैक्स कमिश्नर की भी मदद ले सकता है. टैक्स में छूट मिलने के बाद भी स्कूल की इनकम लगातार बढ़ती जा रही है.

पेरेंट्स बुक्स और यूनिफॉर्म लेने के लिए फ्री होने चाहिए

याचिकाकर्ताओ के अधिवक्ता दिलीप सिनसिनवार के मुताबिक़, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बुक्स और यूनिफॉर्म के लिए स्कूलों में दुकानें नोटिफाई करने को लेकर भी नाराजगी ज़ाहिर की. कोर्ट ने कहा स्कूल संचालकों ने स्कूल के अंदर ही दुकानें खोल ली हैं. हर स्कूल में पेरेंट्स को किताबें लेने के लिए मजबूर किया जाता है. इसी तरह से स्कूल पेरेंट्स को यूनिफॉर्म के लिए वैंडर सजेस्ट करते हैं. यह स्कूल का काम नहीं है. एनसीआरटी का सिलेबस फिक्स है. इसी आधार पर पेरेंट्स बुक्स और यूनिफॉर्म लेने के लिए फ्री होने चाहिए.

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स्कूलों में सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर भी सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने कहा कि सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है, उसकी भी स्कूलों में पालना नहीं हो रही है. कुछ दिन पहले स्कूलों में बम होने की सूचना मिली थी, लेकिन किसी भी स्कूल के पास इस तरह की परिस्थितियों से निपटने का कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं था. इसी तरह से किसी भी स्कूल में डिस्पेंसरी की सुविधा नहीं है.

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