विशनाराम मेघवाल हत्या मामला: 4 दिन बाद टूटा गतिरोध, आर्थिक पैकेज समेत पत्नी को मिलेगी संविदा नौकरी

Rajasthan: विशनाराम मेघवाल की हत्या को लेकर चल रहे 4 दिन से धरना प्रदर्शन आखिरकार शुक्रवार को खत्म हो गया. प्रशासन और परिवार वालों के बीच वार्ता कर मामले को सुलझा लिया गया.

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धरना करते हुए विनशारान के परिजन

Balotra News: राजस्थान के बालोतरा में पिछले कई दिनों से दलित विशनाराम मेघवाल की हत्या करने वाले अपराधियों को पकड़ने के लिए लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा था. जो कल यानी शुक्रवार को देर रात खत्म हो गया. इस विरोध प्रदर्शन में परिजनों के साथ-साथ नेता भी शामिल होने लगे थे.यह धरना प्रदर्शन चार दिनों से लगातार चल रहा था. जिसमें परिजन लगातार मृतक के लिए न्याय की गुहार लगा रहे थे. साथ ही परिवार के आर्थिक पैकेज और अन्य मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था.

 नेताओं की  होने लगी थी एंट्री

इसके साथ ही धीरे-धीरे इस मामले में नेताओं की एंट्री भी होने लगी. कांग्रेस, आरएलपी समेत अन्य दलों के नेताओं ने धरने को समर्थन देना शुरू कर दिया. मामला बढ़ता देख प्रशासन के भी हाथ-पांव फूलने लगे. क्योंकि चौथे और आखिरी दिन धरना स्थल पर कई राजनीतिक हस्तियों का समर्थन मिलना शुरू हो गया. पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, बायतु विधायक हरीश चौधरी, पूर्व विधायक मदन प्रजापत, गोपाराम मेघवाल मौजूद रहे, वहीं भाजपा की ओर से पचपदरा विधायक अरुण चौधरी, चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल भी मौजूद रहे.

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आर्थिक सहायता के साथ पत्नी को मिलेगी संविदा नौकरी

मामले को राजनीतिक तूल पकड़ता देख संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह और आईजी विकास कुमार बालोतरा धरना स्थल पर पहुंचे और जिला कलेक्ट्रेट में परिजनों और भाजपा विधायकों से वार्ता की. इस दौरान विभिन्न मांगों पर सहमति बनी, जिसके तहत पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से 60 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और विशना राम की पत्नी को संविदा पर नौकरी देने का आश्वासन दिया गया. साथ ही विधायक कोष से 12.5 लाख रुपए देने का वादा किया गया. इन सभी मांगों के बाद विशना राम मेघवाल के परिजन मृतक का शव उठाने को राजी हुए. जिसके बाद देर रात धरना समाप्त कर दिया गया और विशना राम का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया.

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क्या था मामला 

10 दिसंबर को 24 साल के  विशना राम मेघवाल एक शादी समारोह के लिए टेंट और लाइट का सामान खरीदने गया था. वहां उसका एक हिस्ट्रीशीटर से गाड़ी हटाने को लेकर विवाद हो गया. इस दौरान हिस्ट्रीशीटर हर्षदान चारण ने उसे जातिसूचक अपशब्द कहे और चाकू से लगातार वार किए, जिससे वह घायल हो गया. अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई. इसके बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने विशना राम का शव अस्पताल के बाहर रखकर धरना शुरू कर दिया और पुलिस पर आरोप लगाया कि घटना की सूचना मिलने के बावजूद पुलिस समय पर नहीं पहुंची, जिसके कारण आरोपी भागने में सफल हो गया.

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