Waqf Bill: बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का बयान, बोले- वक्फ की संपत्ति पर बाहुबलियों का कब्जा, मुस्लिमों को नहीं हो रहा लाभ

Madan Rathore: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने वक्फ संशोधन बिल पर बात करते हुए कहा कि वक्फ की संपत्तियों पर कुछ प्रभावशाली लोगों और बाहुबलियों ने कब्जा कर रखा है.

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फाइल फोटो.

Waqf Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन बिल पर राज्यसभा सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि मुस्लिम समुदाय का अधिकांश वर्ग इस संशोधन से खुश है. क्योंकि यह बिल गरीब मुसलमानों के हित में बनाया गया है. कल (2 अप्रैल) नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल का पूरे देश में स्वागत हो रहा है. यह बिल किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता और इसमें मौजूदा वक्फ संपत्तियों को छेड़छाड़ से बचाने का प्रावधान भी शामिल है. राठौड़ ने वक्फ संशोधन बिल को वर्तमान समय की जरूरत बताया.

ताकतवर लोग संपत्तियों का कर रहे हैं इस्तेमाल- राठौड़

उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा, "वक्फ की संपत्तियां, जो अल्लाह को समर्पित हैं, लेकिन कुछ प्रभावशाली लोगों और बाहुबलियों ने कब्जा कर रखा है. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी संपत्तियों पर "बाहुबली" या "मठाधीशों" का नियंत्रण क्यों है. जबकि मुस्लिम समुदाय को इसका लाभ नहीं मिल रहा. कुछ ताकतवर लोग इन संपत्तियों का इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए कर रहे हैं, जिससे मुस्लिम समाज वंचित रह गया है. वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य इसे ठीक करना है, ताकि इन संपत्तियों से होने वाली आय का उपयोग गरीब मुसलमानों की भलाई के लिए हो, न कि सिर्फ कुछ चुनिंदा लोगों के लाभ के लिए."

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ईश्वर किसी से संपत्ति छीनना नहीं चाहता- बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष

राठौड़ ने मौजूदा कानूनी ढांचे पर भी सवाल उठाए और कहा कि ऐसा कानून कैसे हो सकता है जो किसी भी संपत्ति को मनमाने ढंग से वक्फ की संपत्ति घोषित कर उसे हड़प ले. उन्होंने कहा, "यह ठीक नहीं है. ईश्वर किसी से संपत्ति छीनना नहीं चाहता." उन्होंने बताया कि 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं, जो 8.72 लाख पंजीकृत वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करते हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 37.39 लाख एकड़ है. इन बोर्ड में पारदर्शिता, उचित प्रबंधन और आय सृजन की कमी है.

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"डिजिटलीकरण से बढ़ेगी पारदर्शिता"

राठौड़ ने जोर देकर कहा कि डिजिटलीकरण और जियो-टैगिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर उपयोग संभव होगा. इससे सालाना 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की आय प्राप्त की जा सकती है. उन्होंने निष्कर्ष में कहा, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के सही इस्तेमाल से न केवल मुस्लिम समुदाय की किस्मत बदल सकती है, बल्कि देश की तकदीर भी संवर सकती है."

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