Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में आज नोहर के 2 बाईपास निर्माण पर हो रही सियासत के मुद्दे पर हंगामा हुआ. नोहर से कांग्रेस विधायक ने शिलान्यास करने का काम प्रारंभ होने के बाद भी दोनों बाईपास का अलाईमेंट चेंज करने का मुद्दा विधानसभा में उठाया. मंत्री ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही.
नोहर-साहवा सड़क से नोहर-सरदारशहर सड़क तक और नोहर-पल्लू सड़क से नोहर-राव तसर सड़क तक बाईपास के निर्माण को लेकर नोहर विधायक अमित चाचन ने नियम 131 के अंतर्गत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के अंतर्गत उठाया.
मंजू बाघमार ने दिया जबाव
विधानसभा में पीडब्ल्यूडी मंत्री दीया कुमारी की अनुपस्थिति में राज्यमंत्री मंजू बाघमार ने इसका जबाव दिया. विधायक अमित चाचन के सवाल के जबाव में राज्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2023 में दोनों बाईपास स्वीकृत हुए थे. दोनों कि निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य आदेश जारी कर दिए गए थे. दोनों बाईपास का शिलान्यास वर्ष 2023 में किया जा चुका है. जिसके बाद काम भी प्रारंभ कर दिया गया है.
लेकिन भूमि विवाद के चलते वर्तमान में कार्य बंद है. दोनों बाईपास के निर्माण के लिए राजकीय भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों ने नि:शुल्क भूमि दान में देने हेतु सहमति पत्र विभाग को दिए थे. जिसके बाद विभाग ने स्वीकृत कार्य आदेश जारी कर मिट्टी भराई का कार्य प्रारंभ किया गया. पहले सहमत काश्तकारों ने प्रस्तावित भूमि पर आपत्ति जताई.
विवाद उत्पन्न होने पर काम बंद कर दिया. जिसके बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग ने दोनों बाईपास के निर्माण के लिए अन्य जगह पर सहमत काश्तकारों की भूमि को नामातंरण करने के लिए राजस्व विभाग को लिखा गया. राजस्व विभाग ने भूमि का नामातंरण कर दिया गया. नई भूमि जो नामातंरण कि गई है उस पर दोनों बाईपास का निर्माण करवाना प्रस्तावित है. इस निर्माण से राजकोष पर कोई अतिरिक्त भार भी नही पड़ेगा.
अमित चाचान ने जताया आपत्ति
विधानसभा में विधायक अमित चाचन ने मंत्री के पढ़े गए जबाव पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि पहले स्वीकृत बाईपास पर किसी प्रकार का काश्तकारों ने एतराज नहीं जताया. विधायक ने मंत्री से एतराज जताने वाले काश्तकारों की सूची पटल पर रखने की मांग की. मंत्री सूची पटल पर नहीं रख पाई. विधायक अमित चाचन ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने मंत्री से गलत जवाब पढ़वाकर सदन को गुमराह किया है और सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई है.
विधायक ने कहा कि एक भी काश्तकार ऐसा नहीं जिसने आपत्ति दर्ज कराई हो. काश्तकार तो पूर्व में स्वीकृत बाईपास का ही निर्माण करवाने की मांग को लेकर न्यायालय की शरण लिए हुए है. विधायक ने सदन में कहा कि दोनों बाईपास का शिलान्यास उनके द्वारा किया गया था. लेकिन अब अधिकारी इसका लाइनमेंट चेंज करने में लगे हैं. पहले स्वीकृत बाईपास पर मिट्टी भराई के काम के लिए करीब 35 लाख रुपये खर्च हो चुके है.
काश्तकारों ने बाईपास के निर्माण के लिए भूमि दान की थी. जिसका काश्तकारों ने कोई मुआवजा नहीं लिया. विधायक ने कहा कि अधिकारियों ने सदन को गुमराह करके मंत्री से झूठा व गलत जबाव दिलाया है. विधायक ने ऐसा अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए पहले स्वीकृत जगह पर ही बाईपास निर्माण की बात रखी. इसके बाद मंत्री मंजू बाघमार ने सदन में कहा कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी. इसमें जो भी अधिकारी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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