IMA Strike: कोलकाता की आग में जल रहा राजस्थान, डॉक्टरों ने किया काम का बहिष्कार, ठप पड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की रेज़िडेंट डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और उसके बाद हत्या को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे है. जिसका विरोध प्रदर्शन पूरे देश में बढ़ता जा रहा है. इस बीच IMA ने रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए काम के बहिष्कार का ऐलान किया है

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Rajasthan News: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की रेज़िडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसके बाद हुई हत्या के विरोध में देशभर के डॉक्टर्स आज प्रदर्शन कर रहे हैं. IMA ने रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए काम के बहिष्कार का ऐलान किया है. राजस्थान में भी अजमेर, कोटा , चुरू, करौली  और डूंगरपुर में रेजिडेंट डॉक्टर सड़कों पर उतर आए हैं. जगह-जगह सड़कों पर इंसाफ की लड़ाई में पैदल मार्च निकाला जा रहा है. वहीं प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने कार्य का बहिष्कार कर दिया है, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था ठप पड़ गई है.  

डॉक्टरों के साथ महिला संगठनों ने भी किया प्रदर्शन 

डूंगरपुर में डॉक्टरों के साथ महिला संगठनों की ओर से शुक्रवार रात को प्रदर्शन किया गया. महिलाएं गेपसागर की पाल पर एकत्रित हुई इसके बाद कैंडल जलाते हुए महिला डॉक्टर के साथ न्याय दिलाने के लिए रैली निकाली. वही  रैली में सेवारत डॉक्टर भी शामिल हुए. दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से अस्पताल चौराहे पर कैंडल जलाकर महिला डॉक्टर के आरोपियों पर कार्रवाई करने नारे लगाए. आईएमए अध्यक्ष डॉ दलजीत यादव और वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ कांतिलाल मेघवाल ने कहा जब तक महिला डॉक्टर को न्याय नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा.  

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मुख्यमंत्री महिला होकर एक महिला को न्याय नहीं दिला पा रही  

भाजपा महिला मोर्चा ने से पिछली रात सीकर में कैंडल मार्च निकालकर महिला रेजिडेंट डॉक्टर के परिवार को न्याय दिलाने के लिए कैंडल मार्च  निकाला. सभी महिलाओं ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी कर उन्हें फांसी देने की मांग उठाई. महिलाओं ने कहा बंगाल की मुख्यमंत्री महिला होकर भी अभी तक एक महिला को न्याय नहीं दिला पा रही है. देश में महिलाओं की सुरक्षा  लिए केंद्र सरकार सख्त कानून लागू करें ताकि महिलाएं अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके.  

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प्रधानमंत्री की तस्वीर को राखी बांधकर करेंगे प्रदर्शन 

अजमेर में जेएलएन अस्पताल के कैजुअल्टी विभाग में  रेजिडेंट डॉक्टर काम पर नहीं जा रहे है. आज नर्सिंग कर्मियों ने भी काली पट्टी बांधकर रेजिडेंट चिकित्सको की मांग का समर्थन दिया है. अस्पताल की ओपीडी सेवाएं आज बंद कर दी गई है. सुबह 10:00 बजे सभी रेजीडेंट डॉक्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को राखी बांधकर अपनी विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग करेंगे. साथ ही अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के सीनियर डॉक्टर और प्रोफेसर ने भी काम बंद कर दिया है. 

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हड़ताल का असर गई एक मरीज की जान 

हड़ताल का असर अस्पताल में देखा जा रहा है. अजमेर के नागफनी निवासी रामप्यारी रामप्यारी ने अस्पताल के चिकित्सकों पर आरोप लगाया कि उनके पति फूलचंद पिछले 5 दिनों से आपातकालीन विभाग में भर्ती थे. डॉक्टर ने पूरी तरीके से उनका इलाज नहीं किया जिसकी वजह से आज सुबह उनकी मौत हो गई. 

डॉक्टर की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाए जाए 

करौली के जिला चिकित्सालय में डॉक्टर्स ने  कैंडल मार्च निकालकर विरोध किया. हॉस्पिटल पीएमओ डॉ रामकेश मीणा और डिप्टी कंट्रोलर आशीष शुक्ला ने बताया कि बंगाल में जिस तरह रेजिडेंट डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद बर्बरतापूर्ण हत्या की गई. घटना के विरोध में हमने ये प्रदर्शन किया है. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ अध्यक्ष डॉ बी एल मीणा ने कहा कि डॉक्टर की सुरक्षा शुरू से एक प्रमुख मुद्दा रहा है. इसी को लेकर विभिन्न प्रकार से विरोध प्रकट किया जा रहा है. उन्होंने सरकार से डॉक्टर की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने की भी मांग की है. 

आईएमए की चेतावनी मांगे नहीं मानी तो आंदोलन होगा तेज   

कुचामन में आईएमए से जुड़े डॉक्टरों ने बताया की वे आज शनिवार को सुबह 6 बजे से 18 अगस्त की सुबह 6 बजे तक पूरे देश में हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी. विरोध जता रहे डॉक्टरों ने सरकार से मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ तेजी से सुनवाई की जाए. साथ ही कहा की डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाया जाए. अगर सरकार डॉक्टरों की मांगों पर गंभीर कदम नहीं उठाती है, तो आईएमए ने चेतावनी दी है कि हड़ताल का दायरा बढ़ाया जा सकता है और आंदोलन को और तेज किया जाएगा.