Lok Sabha Election 2024: चुनाव प्रचार के दौरान कुछ पल सुकून के एक पेड़ के नीचे रबड़ी खाकर बिताते हरीश मीणा ने हमारे संवाददाता से बातें भी मीठी-मीठी की और सुखबीर सिंह जोनापारिया और खुद के बीच जारी जुबानी जंग के बीच यह तक कह दिया कि जौनपुरिया जी मेरे अच्छे मित्र हैं चुनाव के बाद जब वह मिलेंगे तो गले लगा लूंगा. वह मुझसे छोटे हैं और छोटे भाई जैसे हैं. लेकिन हरीश तंज कसते हुए यह कहना भी नहीं भूले की जिस व्यक्ति के खिलाफ हरियाणा-दिल्ली- राजस्थान में दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. ऐसी सूरत में ऐसे व्यक्ति से आप उम्मीद भी क्या कर सकते हैं ?
चुनावी माहौल और संभावनाओं को लेकर हरीश मीणा ने कहा कि टोंक-सवाई माधोपुर की जनता यह मन बना चुकी है कि अब वह बाहरी व्यक्ति की विदाई कर देगी। क्योंकि जौनापुरिया पिछले 10 साल से इस जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके हैं.
इससे पहले मीणा ने कहा था, सुखबीर जौनापुरिया चपरासी बनने लायक नहीं है,अपराधी है. उसे आपने सांसद बनाकर रखा हुआ है' मीणा यही नहीं रुके, उन्होंने जौनापुरिया के बीजेपी से टिकिट पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि, जौनापुरिया जी तो हरियाणा का व्यापारी हैं और व्यापारी क्या करता है? 10 रुपये खर्च करता है और 100 रुपये कमाता है. इस लिए देख लो वह ना आपके बीच आता है और ना आपके वोट की कद्र करता है'
'सचिन पायलट एक लोकप्रिय और करिश्माई नेता'
हरीश मीणा ने सचिन पायलट के करिश्माई नेतृत्व पर अपनी बात रखते हुए कहा कि सचिन पायलट एक लोकप्रिय और करिश्माई नेता हैं. जिनको जनता अपने बीच देखना भी चाहती है और देखिएगा सचिन पायलट जहां-जहां जाएंगे उनका प्रभाव परिणाम में नजर आएगा। मीणा ने जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, टोंक-सवाई माधोपुर समेत कई सीटों पर गारंटी देते हुए कहा कि राजस्थान में इस बार परिणाम चौंकाने वाले होंगे और निश्चित ही इस बार कांग्रेस बहुत ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब होग.
बयानों में सुचिता जरूरी
खुद और सुखबीर सिंह जौनपुरिया के रिश्ते पर मौत जैसे बयानों को लेकर हरीश मीणा आहत भी नजर आए उन्होंने कहा कि राजनीति में ऐसे बयानों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. गौरतलब है, पिछले दिनों जौनापुरिया ने कहा था कि, 'सियार की जब मौत आती है तो वो जंगल की तरफ भागता है.'
एक बार सांसद रह चुके हैं हरीश
हरीश मीणा एक बार सांसद और दो बार के विधायक हैं उन्हें सचिन पायलट का करीबी नेता माना जाता है. मीणा लोकसभा क्षेत्र के बामनवास विधानसभा इलाके के रहने वाले है। इनके भाई नमोनारायण मीणा ने 2009 में इस सीट पर जीत हासिल की थी. टोंक-सवाई माधोपुर सीट पर 21 लाख 48 हजार से ज्यादा मतदाता हैं. इस सीट पर एससी, एसटी, गुर्जर और अल्पसंख्यक मतदाताओं का बाहुल्य है. परीसीमन के बाद अब तक हुए तीन चुनाव में दो बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की है.
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