राजस्थान में कांग्रेस-BAP के बीच कैसा गठबंधन, आप भी ढूंढ रहे होंगे इन 5 सवालों के जवाब

भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के साथ गठबंधन को लेकर लंबी बातचीत के बाद 7 अप्रैल को गठबंधन का ऐलान किया गया. हालांकि, गठबंधन का ऐलान तो हो गया. लेकिन अब एक के बाद एक सवाल खड़े हो रहे हैं.

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Rajasthan News: लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान की सियासत में इतना घमासान मचा हुआ है कि यहां जनता के साथ खुद पार्टी भी कंफ्यूज कर रही है. राजस्थान में कांग्रेस की ओर से 22 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किये हैं जबकि तीन सीटों पर गठबंधन के जरिए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया है. नागौर लोकसभा सीट पर सारी चीजें क्लियर है क्योंकि यहां RLP के साथ गठबंधन है और हनुमान बेनीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के साथ गठबंधन को लेकर लंबी बातचीत के बाद 7 अप्रैल को गठबंधन का ऐलान किया गया. हालांकि, गठबंधन का ऐलान तो हो गया. लेकिन अब एक के बाद एक सवाल खड़े हो रहे हैं. क्योंकि गठबंधन के ऐलान के बाद भी न ही कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार का नामांकन वापस लिया है और न ही भारत आदिवासी पार्टी ने उम्मीदवार का नामांकन वापस लिया है. ऐसे में मतदाता भी कंफ्यूज होंगे की आखिर वोट डालना किसको हैं.

कांग्रेस-BAP के गठबंधन के बाद ढूंढ़े जा रहे हैं 5 सावालों के जवाब

1. बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर अब क्या होगा

बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर सबसे बड़ा कंफ्यूजन क्रिएट हो गया है. जहां कांग्रेस ने BAP को समर्थन देने का ऐलान किया है. वहीं दूसरी ओर अरविंद डामोर ने कांग्रेस की ओर से नामांकन दर्ज करवाने के बाद उन्होंने नामांकन वापस नहीं लिया है. वहीं अरविंद डामोर को कांग्रेस का सिंबल भी मिल चुका है. ऐसे में बांसवाड़ा-डूंगरपुर में क्या होने वाला है शायत किसी को नहीं पता. जब BAP प्रत्याशी राजकुमार रोत को समर्थन देने की बात हो चुकी है तो इसके बावजूद अरविंद डामोर मैदान में क्यों खेड़े हैं. जिन्हें कांग्रेस का सिंबल भी मिल चुका है. दूसरी ओर कांग्रेस ने अरविंद डामोर को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्काशित कर दिया है.

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2. बांसवाड़ा-डूंगरपुर में कांग्रेस कैसे करेगी प्रचार

जहां बासवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार रोत हैं जबकि कांग्रेस के सिंबल पर अरविंद डामोर मैदान में हैं तो ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज नेता किसके लिए प्रचार करेंगे. क्या कांग्रेस अपनी ही पार्टी सिंबल पर वोट नहीं डालने का प्रचार करेंगी.

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3. उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और पाली में क्या होगा

भारत आदिवासी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन को लेकर एक बड़ा सवाल यह भी है कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट के अलावा उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और पाली लोकसभा सीट पर क्या होगा. क्योंकि इन सीटों पर BAP ने भी अपने उम्मीदवार नामांकन कराए हैं और उनके उम्मीदवारों ने भी अपना नामांकन वापस नहीं लिया है. तो क्या यहां कांग्रेस और BAP आमने सामने होंगे. बता दें, उदयपुर सीट से प्रकाश बुझ, चित्तौड़गढ़ सीट से मांगीलाल ननामा और पाली सीट से जीवाराम राणा भील BAP की ओर से मैदान में खड़े हैं.
पाली- जीवाराम राणा भील

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4. बीजेपी को 4 सीट पर जीतने से कैसे रोकेंगे कांग्रेस-BAP

कांग्रेस और BAP के बीच गठबंधन में इतना कंफ्यूजन है तो निश्चित रूप से इससे बीजेपी को फायदा मिलने वाला है. क्या डूंगरपुर-बांसवारा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और पाली लोकसभा सीट पर कांग्रेस और BAP की हार निश्चित है. क्योंकि इन सीटों पर जब दोनों पार्टियों के बीच वोट बंटेंगे तो बीजेपी को जीतने से रोक पाना मुश्किल होगा.

5. क्या कांग्रेस और BAP के बीच केवल दो सीटों पर गठबंधन हुआ है

एक और सबसे अहम सवाल यह है कि क्या कांग्रेस और BAP के बीच डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट और बागीदौरा विधानसभा सीट के लिए गठबंधन हुआ है. क्योंकि सुखवींदर सिंह रणधावा ने जो ऐलान किया उसमें उन्होंने कहा था कि, कांग्रेस आगामी चुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र और बागीदौरा विधान सभा के उप चुनाव में करेगी. भारत के संविधान और लोकतंत्र को बचाना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है. ऐसे में यह साफ नहीं है कि बाकी सीटों पर भी दोनों के बीच गठबंधन हुआ है या नहीं. हालांकि इसके बावजूद दोनों सीटों पर लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी अरविंद डामोर और बागीदौरा विधानसभा उपचुनाव के प्रत्याशी कर्पूर सिंह ने नाम वापस नहीं लिया.

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