Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर जिले में हरसाणी गांव के निवासी नखत सिंह भाटी (Nakhat Singh Bhati) ऑपरेशन अलर्ट के दौरान 27 अगस्त को हुए एक हादसे में शहीद हो गए. उनका पार्थिव शरीर बुधवार देर रात वायु सेना के विशेष विमान के जरिए अरुणाचल प्रदेश से बाड़मेर पहुंचा. वहां से सेना के वाहन से शहीद जवान का शव उनके पैतृक गांव लाया गया. आज कुछ ही देर बाद उनका सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
10 दिन बाद घर आने वाला था शहीद जवान
शहीद के सम्मान में सोशल मीडिया पर चल रही मुहिम के चलते बड़ी संख्या लोग शहीद के गांव अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंच रहे हैं. शव के बाड़मेर से रवाना के होने बाद रास्ते में जगह-जगह शहीद के शव पर फूलों की बरसात कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं. बाड़मेर जिला कलेक्टर, एसपी और सेना के अधिकारी भी शहीद के गांव पहुंचे और घर जाकर परिवार को सांत्वना दे रहे हैं. हादसे से पूर्व मंगलवार को नखत सिंह की पत्नी से फोन पर बात हुई थी कहा था कि 10 बाद छुट्टी लेकर घर आ रहा हूं और अपना अधूरा आशियाना पूरा कर छोटे भाई की धूमधाम से शादी करूंगा.
सेना का वाहन गहरी खाई में गिरने से हुए शहीद
नखत सिंह भाटी बाड़मेर के हरसाणी गांव के निवासी थे और साल 2010 में सेना में भर्ती हुए थे. उनकी 19 ग्रेनेडियर्स में तैनाती थी. 2 साल से वे अरुणाचल प्रदेश में थे. सेना के ऑपरेशन अलर्ट के दौरान 27 अगस्त को एक ट्रक गहरी खाई में गिर गया, जिससे वाहन में सवार 7 जवानों में 4 जवान घायल हो गए और 3 जवान शहीद हो गए थे. शहीदों में हवलदार नखत सिंह भाटी भी शामिल थे.
पत्नी को नहीं दी पति के शहीद होने की जानकारी
शहीद नखत सिंह के 6 भाई और एक बहन हैं. उनकी करीब 10 साल पहले प्रियंका कंवर से शादी हुई थी. उनके एक बेटा और एक बेटी है. 4 भाईयों की शादी हो चुकी है और नवंबर में छोटे भाई उम्मेद की शादी तय है. इसी को लेकर शहीद होने से पूर्व नखत सिंह की पत्नी से बात हुई थी और बताया कि 10 दिन में छूटी लेकर घर आऊंगा और अधूरे मकान का काम पूरा कर छोटे भाई उम्मदे सिंह की धूमधाम से शादी करेंगे. नखत सिंह के शहीद होने की जानकारी परिवार के बाकी सदस्यों मिल गई थी, लेकिन पत्नी प्रियंका कंवर को जानकारी नहीं दी गई, जिसके चलते मंगलवार को फोन करने का प्रयास करती रही, लेकिन फोन नहीं लगा.
शहीद के सम्मान में बंद रहा गांव का बाजार
नखत सिंह के शहीद होने खबर मिलने के बाद 28 अगस्त को गांव हरसानी का बाजार शहीद के सम्मान में इच्छा से बंद कर दिया और सोशल मीडिया पर शहीद के सम्मान में अंतिम संस्कार में शामिल को होने की मुहिम के चलते बड़ी संख्या में लोग उनके गांव पहुंच रहे हैं.
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