कौन हैं डूंगर सिंह? 10 महीने में 46 लोगों की बचाई जान, पुलिस सेवा के साथ निभा रहे दोहरा कर्तव्य

जोधपुर की ऐतिहासिक कायलाना झील में काफी लोग खुदकुशी करने के लिए पहुंच जाते हैं. लेकिन हेड कांस्टेबल कार्यरत 55 वर्षीय डूंगर सिंह अपने कर्तव्यों को निभाते हुए ऐसे लोगों की जान बचाते हैं. 

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Rajasthan Police: राजस्थान के जोधपुर में पुलिस कमिश्नरेट में बतौर हेड कांस्टेबल कार्यरत डूंगर सिंह अपनी पुलिस सेवा के लिए चर्चाओं में रहते हैं. लेकिन उन्होंने पुलिस सेवा के साथ अपने दोहरे कर्तव्य के लिए अनूठी मिशाल बन गए हैं. दरअसल, हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह दोहरे कर्तव्य का निर्वहन करते हुए मात्र 10 माह के अंदर 46 लोगों की जान बचाई है. उनके इस कार्य से पुलिस के आलाधिकारी और अन्य अधिकारी भी खुश है और उनके पर्यास की सराहना करते हैं.

जोधपुर की ऐतिहासिक कायलाना झील में काफी लोग खुदकुशी करने के लिए पहुंच जाते हैं. लेकिन हेड कांस्टेबल कार्यरत 55 वर्षीय डूंगर सिंह अपने कर्तव्यों को निभाते हुए ऐसे लोगों की जान बचाते हैं. 

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डूंगर सिंह का सूचना तंत्र है मजबूत

जोधपुर की ऐतिहासिक कायलाना झील आज भी जोधपुर के लोगों की प्यास बुझाता है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस झील में आत्महत्या करने वाले लोगों के आंकड़ो में भी वृद्धि हुई है. इश वजह से 2 वर्ष पूर्व ही यहां पुलिस चौकी को भी स्थापित किया गया. जिसमें कार्यरत हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह 10 माह पहले ही यहां नियुक्त हुए और अपने इस 10 माह के कार्यकाल डूंगर सिंह ने अपना सूचना तंत्र इतना मजबूत कर लिया है कि सुसाइड करने वाले लोगों को वह पहचान जाते हैं. जबकि कई लोग तो पानी में छलांग भी लगा चुके हैं. लेकिन उनके जीवन को उन्होंने बचा लिया है.

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जान बचाने के साथ देते हैं मनोवैज्ञानिक परामर्श

डूंगर सिंह न केवल लोगों को बचाते हैं बल्कि उन लोगों को परिवार को सुपुर्द कर उन्हें मनोवैज्ञानिक तरीके से परामर्श भी देते हैं. डूंगर सिंह बताते हैं कि उनके इस कार्य में उनके साथ काम करने वाले स्टाफ भी सहायता करते हैं. उनका यह कर्तव्य लोगों के बीच चर्चाओं में रहता है. उनका यह कार्य लोगों के लिए एक प्रेरणा है.

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डूंगर सिंह ने बताया कि कायलाना झील में चार सुसाइड प्वाइंट चिन्हित किये गए हैं. जहां अधिकांश लोग खुदकुशी करने के लिए आते हैं. उन प्वाइंट पर वह विशेष रूप से निगरानी करते हैं. जोधपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी लगातार झील में भर्ती आत्महत्या की घटनाओं को लेकर की चिंतित रहते हैं. जहां सुपर पुलिस के हेड कांस्टेबल डूंगर सिंह के इन प्रयासों के बाद अब अधिकारी भी इनके दोहरे कर्तव्य की प्रशंसा कर चुके हैं और वर्तमान की पीढ़ी के लिए भी यह एक प्रेरणा के रूप में उभर रहे है.

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