Rajasthan IPS Pankaj Chaudhary: राजस्थान के IPS अधिकारी पंकज चौधरी एक बार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने एक खुली चिट्ठी लिखी है जो वायरल (Viral letter) हो गई है. इसमें उन्होंने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कई आरोप लगाए हैं. पंकज चौधरी ने इस चिट्ठी में लिखा है कि वह अशोक गहलोत से मिलना चाहते थे, मगर उन्हें मौका नहीं मिला, इसलिए वह यह खुला पत्र लिख रहे हैं.
पंकज चौधरी ने लिखा है, "पत्र की जरूरत इसलिए है कि आपके पिछले कार्यकाल में पांच मिनट व्यक्तिगत मिलने का समय मांगा गया था, लेकिन आपके इर्द-गिर्द महानुभावों की टोली ने यह संभव होने नहीं दिया. इन पांच मिनट की मुलाकात में जो द्विपक्षीय संवाद संभव था, वह नहीं हुआ ऐसे में यह खुला पत्र लिखना पड़ रहा है."
उन्होंने अपनी इस खुली चिट्ठी में कई आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि वर्ष 2012 में बांसवाड़ा के विधायक अर्जुन बामानिया को "2000 लोगों ने किडनैप कर लिया था" और उन्होंने "जान जोखिम में डालकर विधायक को रेस्क्यू" किया. मगर उन्हें इसके लिए गैलेंट्री पुरस्कार नहीं किया गया.
ऐसे ही उन्होंने लिखा है कि जैसलमेर में एसपी के पद पर रहते हुए उन्होंने गाजी फकीर के खिलाफ कार्रवाई की, और पोकरण के विधायक सालेह मोहम्मद के खिलाफ एक जवान को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर की, लेकिन इसके बाद 48 घंटे के अंदर उनका तबादला कर दिया गया.
अशोक गहलोत पर दुर्भावना का आरोप
पंकज चौधरी ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया है कि अशोक गहलोत उनके प्रति दुर्भावना रखते थे, और जब उनकी सरकार बदल गई, तो उसके बाद भी उनके खिलाफ साजिश होती रही और "आपके निर्देशन में बनाये गये, लाभ पहुंचाए गए कुछ नौकरशाहों ने आपके मन की कुंठा को दूर करने का जिम्मा लिया".
लंबे पत्र में आगे लिखा है- "इस पत्र के जरिए प्रदेशवासियों को जिम्मेदारी पूर्ण तरीके से आग्रह और स्पष्ट करना चाहूंगा कि इस प्रकार की रहस्यमयी व्यक्तिगत कुंठा रखने वाला जनप्रतिनिधि जिसको ईश्वर ने तीन बार प्रदेश की आठ करोड़ की आमजनता की सेवा का सुअवसर दिया, वो मात्र एक बेहद अदने से आईपीएस अधिकारी से कुंठित हो सकता है."
पंकज चौधरी - जब नौकरी से हटाए गए
पंकज चौधरी राजस्थान काडर के वर्ष 2009 के बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं. सोशल मीडिया पर अपने परिचय में उन्होंने बताया है कि उनका जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हुआ और उन्होंने वाराणसी से हाई स्कूल, इंटरमीडिएट और सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
आईपीएस बनने से पहले उन्होंने दो सरकारी और दो प्राइवेट नौकरियां कीं. राजस्थान में उन्होंने कोटा, बांसवाड़ा, जैसलमेर, बूंदी, अजमेर और जयपुर में काम किया है. वर्तमान में वह राजस्थान की कम्युनिटी पुलिसिंग सेवा के एसपी हैं.
पंकज चौधरी को वर्ष 2019 की फरवरी में दो शादी करने के आरोप के बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. उन पर बिना पहली पत्नी को तलाक दिए दूसरी शादी करने का आरोप लगा था. पंकज चौधरी ने अपनी बर्खास्तगी के फैसले को चुनौती दी थी. वर्ष 2020 के दिसंबर में सेंट्रल ऐडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल ने उनकी बर्खास्तगी को गलत बताते हुए उन्हें फिर से बहाल करने का फैसला सुनाया.
जब जैसलमेर से चुनाव लड़ने उतरे
पंकज चौधरी ने वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने की भी कोशिश की थी. बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से टिकट दिया था और उन्होंने नामांकन भी किया था. मगर बर्खास्तगी का सर्टिफिकेट नहीं लगाने की वजह से उनका नामांकन खारिज हो गया.
इससे पहले वर्ष 2018 में पंकज चौधरी की दूसरी पत्नी मुकुल चौधरी ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ झालरापाटन सीट से चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने तब दिल्ली में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी उनके निवास पर मुलाकात की थी जिसके बाद उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगने लगीं.
मगर बाद में वह पीछे हट गईं. पंकज चौधरी की पत्नी राजस्थान की पूर्व मंत्री शशि दत्ता की बेटी हैं. वह राजस्थान में 1993 में भैरों सिंह शेखावत सरकार में कानून मंत्री थीं.
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