RBI New Governor Sanjay Malhotra: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मौजूदा गर्वनर शक्तिकांत दास का कार्यकाल 10 दिसंबर को खत्म होने जा रहा है. वहीं शक्तिकांत दास के कार्यकाल के विस्तार नहीं किये जाने की चर्चा हो रही थी. अब इसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए गर्वनर के रूप में संजय मल्होत्रा को नियुक्त किया गया है. संजय मल्होत्रा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के तहत राजस्थान कैडर से अपनी सेवा शुरू की थी. अब वह भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर का पद संभालने वाले हैं.
बता दें शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर का पद पिछले 6 साल से संभाल रहे हैं. शक्तिकांत दास को गर्वनर के रूप में तब नियुक्त किया गया था. जब साल 2018 में उर्जित पटेल ने रिजर्व बैंक के गर्वनर पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद शक्तिकांत दास को इस पद पर नियुक्त किया गया था.
कौन है संजय मल्होत्रा
संजय मल्होत्रा 1990 बैच के IAS ऑफिसर रहे हैं. साल 2020 में संजय मल्होत्रा REC के चेयरमैन और MD बने थे. जबकि इससे पहले वह ऊर्जा मंत्रालय में अडिशनल सेक्रेटरी के पद पर रह चुके थे. संजय मल्होत्रा एक आईआईटीएन रहे हैं और IIT कानपूर से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. जबकि प्रिसंटन यूनिवर्सिटी से उन्होंने अपना मास्टर्स कंप्लीट किया है. बताया जाता है कि वह अपने 30 साल की करियर में पावर, फाइनेंस टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे विभागों में अपनी सेवा दी है. जबकि वर्तमान में वह वित्त मंत्रालय में सेक्रेटरी (रेवेन्यू) हैं. अपने पिछले कार्यभार में उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग में सचिव का पद संभाला था.
राजस्थान में भी किया है काम
संयज मल्होत्रा राजस्थान के बीकानेर से हैं और IAS के रूप में अपनी पहली सेवा राजस्थान में ही दी थी. राजस्थान में वह ऊर्जा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में काम किया, जिसमें उन्होंने चार शहरों में वितरण फ्रेंचाइजी की नियुक्ति, ट्रांसमिशन में PPP की शुरुआत, बिलिंग और संग्रह में नावाचार सहित कई पहलों का नेतृत्व किया था. बाद में वह विद्युत मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी का पद भी संभाला.
मल्होत्रा के पास वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में अत्यधिक अनुभव है. उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग के सचिव के तौर पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं. इसके अलावा, उन्हें केंद्र और राज्य सरकारों में टैक्स और वित्तीय मामलों का भी गहरा अनुभव है.
शक्तिकांत दास ने का कार्यकाल बेहतरीन रहा
शक्तिकांत दास साल 2018 में उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफे के बाद गर्वनर नियुक्त किये गए थे. इसके बाद से 6 साल तक वह सेवा दे रहे हैं. हालांकि अब उनके कार्यकाल के विस्तार को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया. शक्तिकांत दास के कार्यकाल को देश में जरूर याद किया जाएगा. क्योंकि उन्होंने 6 साल बेहतरीन काम किये हैं. जब उन्होंने गर्वनर की कुर्सी संभाली इसके बाद पूरी दुनिया में कोविड आया था. इससे भारत में पैदा हुई महंगाई की समस्या को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने बड़े कदम उठाए.