Rajasthan News: राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप से मौत के मामले में केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. वैश्विक स्वास्थ्य संस्था ने पुष्टि की है कि उसने भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित कम से कम 3 ओरल सिरप दवाओं में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) संदूषण पाया है.
बुधवार देर रात जारी बयान में WHO ने कहा कि वह कथित मौतों से "बेहद दुखी" है और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है. संगठन ने कहा कि वह स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहा है. कई मीडिया रिपोर्टों में बच्चों की मौतों के संबंध में इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं.
1 अक्टूबर को मांगा था स्पष्टीकरण
WHO के अनुसार, उसने 1 अक्टूबर, 2025 को भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से औपचारिक रूप से संपर्क किया और दूषित दवाओं व कथित मौतों के बीच संभावित संबंधों पर स्पष्टीकरण मांगा. सीडीएससीओ ने 8 अक्टूबर को अपनी प्रतिक्रिया में प्रभावित बच्चों द्वारा सेवन किए गए तीन ओरल सिरप के नमूनों में डीईजी की उपस्थिति की पुष्टि की.
इन दवाओं पर सवाल
कोल्ड्रिफ: श्रीसन फार्मास्युटिकल्स, तमिलनाडु द्वारा निर्मित
बैच: एसआर-13
निर्माण तिथि: मई 2025
एक्सपायरी डेट: अप्रैल 2027
पाया गया संदूषण: 48.6% डीईजी
रेस्पिफ्रेश टीआर: रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स, गुजरात द्वारा निर्मित
बैच: R01GL2523
निर्माण तिथि: जनवरी 2025
एक्सपायरी डेट: दिसंबर 2026
पाया गया संदूषण: 1.342% डीईजी
रीलाइफ: शेप फार्मा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित लिमिटेड, गुजरात
बैच: LSL25160
निर्माण तिथि: जनवरी 2025
एक्सपायरी डेट: दिसंबर 2026
पाया गया संदूषण: 0.616% डीईजी
कारखानों को बंद करने का आदेश
सीडीएससीओ ने दूषित उत्पादों को वापस मंगा लिया है और पहचानी गई कंपनियों की सभी विनिर्माण गतिविधियों को निलंबित कर दिया है. इसने विश्व स्वास्थ्य संगठन को यह भी सूचित किया है कि भारत से कोई भी दूषित दवा निर्यात नहीं की गई.
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन उत्पादों के अनियमित माध्यमों से अन्य बाजारों में पहुंचने के संभावित जोखिम पर चिंता व्यक्त की है. घरेलू स्तर पर बेची जाने वाली दवाओं के लिए डीईजी/ईजी स्क्रीनिंग में नियामक कमियों को उजागर किया है.
जांच जारी है
डीईजी संदूषण का स्रोत अभी भी अज्ञात है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि उसे अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है. संगठन ने कहा, "डब्ल्यूएचओ इन घटनाओं की गंभीरता को समझता है और इन दुखद घटनाओं की जांच और प्रतिक्रिया में राष्ट्रीय अधिकारियों का समर्थन करने के लिए तैयार है."
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