राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अब क्यों लिया दिन में एक बार भोजन करने का प्रण?

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर राम मंदिर और धारा 370 को लेकर भी पहले कठोर प्रण ले चुके हैं. अब फिर से एक बड़ा प्रण लिया है.

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राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दिन में एक बार भोजन करने का प्रण लिया है.

Madan Dilawar: अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) का प्राण प्रतिष्ठा हो चुका है. इसे लेकर पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है. राजस्थान में भी जगह-जगह दीपोत्सव मनाया गया है. जबकि घरों में दिवाली की तरह दीप जलाए गए हैं. वहीं, अब राम जन्मभूमि पर राम मंदिर बनने के बाद भगवान कृष्ण की जन्मस्थल पर भव्य मंदिर बनाने की मांग भी की जाने लगी है. वहीं, भगवान कृष्ण की जन्मस्थल पर भव्य मंदिर को लेकर राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) ने बड़ा प्रण लिया है. उन्होंने कहा है कि जब तक भगवान कृष्ण के जन्मस्थल पर भव्य मंदिर नहीं बन जाता तब तक वह दिन में एक ही बार भोजन करेंगे. बता दें, वह पहले भी राम मंदिर और धारा 370 को लेकर कड़े प्रण ले चुके हैं.

दिलावर ने कोटा में अपने निर्वाचन क्षेत्र रामगंज मंडी में एक अभिनंदन समारोह में कहा, ‘‘जब तक भगवान कृष्ण के जन्मस्थल पर भव्य मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, मैं आज से तब तक दिन में बस एक ही बार भोजन करूंगा.''

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अपने संबोधन में दिलावर ने याद किया कि कैसे उन्होंने 1992 में अयोध्या में अपने सहयोगियों की अवैध हिरासत तथा उन पर हत्या के मनगढ़ंत आरोप लगाए जाने के खिलाफ डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (अब राज्य के कैबिनेट मंत्री) एवं सैकड़ों कारसेवकों के साथ प्रदर्शन किया था.

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राम मंदिर के लिए भी लिया था प्रण

छह बार के विधायक और तीन बार के मंत्री रहे मदन दिलावर ने फरवरी 1990 में शपथ ली थी कि अयोध्या में जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक वह फूलों की माला नहीं पहनेंगे. सोमवार को अयोध्या में राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने के बाद दिलावर को उनके समर्थकों द्वारा फूलों की 34 किलोग्राम की माला और पुष्प निर्मित 108 फुट लंबी एक अन्य माला पहनाने की पेशकश की गई. दिलावर ने हालांकि इन मालाओं को यह कहते हुए पहनने से इनकार कर दिया कि 31 जनवरी को अयोध्या में मंदिर में रामलला के दर्शन करने के बाद वह माला पहनेंगे.

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धारा 370 निरस्त होने तक लिया था बिस्तर पर न सोने का प्रण

फरवरी, 1990 में दिलावर ने यह भी संकल्प लिया था कि जब तक जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त नहीं होता तब तक वह बिस्तर पर नहीं सोएंगे. बताया जाता है कि 2019 में जब अनुच्छेद 370 का निरसन किया गया तब तक वह चटाई पर ही सोते थे. इसके बाद वह बिस्तर पर सोने लगे.

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