Chinese Garlic: चाइनीज लहसुन पर क्यों मचा है हंगामा, राजस्थान में भी चिंता

Chinese Garlic Protest: राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में चीन (China) से आने वाले लहसुन को लेकर किसान विरोध जता रहे हैं. चाइनीज लहसुन का क्यों हो रहा है विरोथ?

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Garlic from China: भारत में इन दिनों राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में चाइनीज लहसुन (Chinese Garlic) की लगातार चर्चा हो रही है. राजस्थान में बारां और हाड़ौती की बड़ी किसान मंडियों में इस सप्ताह लहसुन की नीलामी बंद कर विरोध जताया गया. राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश और गुजरात में भी व्यापारियों और किसानों में नाराजगी है. मध्य प्रदेश में इंदौर, नीमच, मंदसौर, शाजापुर की बड़ी किसान मंडियों में लहसुन की बिक्री बंद कर विरोध जताया गया है. इन राज्यों में लहसुन की सबसे ज्यादा पैदावार होती है. इसलिए वहां चीन के प्रतिबंधित लहसुन के बाजार में पहुंचने को लेकर ज्यादा नाराजगी है. पिछले एक महीने में उत्तर प्रदेश में भारत-नेपाल सीमा पर लगभग 16 टन चाइनीज लहसुन जब्त किया गया है.

दरअसल इस साल लहसुन की पैदावार कम हुई है. इस वजह से लहसुन की कीमतें अचानक से बढ़ गई हैं और एक किलोग्राम लहसुन 400 से 500 रुपये में बिकने लगा है.इसी माहौल में देश की मंडियों में चाइनीज लहसुन की बिक्री होने लगी है. इनके सस्ता होने की वजह से बाजार में उथल-पुथल मच सकती है और किसानों को घाटा हो सकता है. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि चाइनीज लहसुन पर भारत में 10 साल पहले प्रतिबंध लगा दिया गया था. मगर बैन के बाद भी बाजारों में चाइनीज लहसुन के पहुंचने से किसानों की नाराजगी बढ़ती जा रही है.

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चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध क्यों?

भारत सरकार ने वर्ष 2014 में चीन से लहसुन के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसकी दो मुख्य वजह थी. पहली वजह चीन में उगाई जानेवाली लहसुन की गुणवत्ता को लेकर उठने वाली चिंताएं थीं. चाइनीज लहसुन की खेती में जमकर कीटनाशकों और केमिकल्स का प्रयोग किया जाता. इनसे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है. इनकी तुलना में भारतीय लहसुन ज्यादा सुरक्षित हैं क्योंकि उनमें कीटनाशकों और रासायनिक खादों का बहुत सीमित इस्तेमाल होता है

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प्रतिबंध लगाने की दूसरी बड़ी वजह यह थी कि चाइनीज लहसुन भारतीय उत्पादों की तुलना में सस्ते होते हैं. सस्ते लहसुन के बाजार में आने से भारतीय किसानों को नुकसान हो सकता है. किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए भी भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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प्रतिबंध के बावजूद कैसे पहुंच रहा है चाइनीज लहसुन

भारत सरकार के प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज लहसुन की स्मगलिंग हो रही है. चाइनीज लहसुन बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते भारत में आ रहा है और पूरे देश की मंडियों में पहुंच रहा है. किसान इस गैर कानूनी तरीके से चाइनीज लहसुन के भारतीय बाजारों में बेचे जाने से नाराज हैं. 

राजस्थान के किसान नेता रामपाल जाट कहते हैं,"चाइनीज और भारतीय लहसुन की गुणवत्ता में रात दिन का अंतर है. भारत सरकार ने प्रतिबंध तो लगाया, मगर बाद में वह ढीली हो गई. इसी का नतीजा है कि चाइनीज लहसुन हमारे बारां से लेकर गुजरात और महाराष्ट्र तक पहुंच गया. और पहले से ही कम उपज से परेशान किसान अब कह रहे हैं कि उनके सामने एक नई आफत आ गई है."

"चाइनीज और भारतीय लहसुन की गुणवत्ता में रात दिन का अंतर है. भारत सरकार ने प्रतिबंध तो लगाया, मगर बाद में वह ढीली हो गई" - रामपाल जाट, किसान नेता

चाइनीज लहसुन कैसा दिखता है

चीन लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक है. चीन में उगाया जाने वाला लहसुन दुनियाभर में निर्यात होता है. चाइनीज लहसुन भारतीय लहसुन से अलग दिखता है. यह हल्का सफेद और गुलाबी होता है और यह छोटा होता है. इसमें भारतीय लहसुन की तुलना में कम गंध आती है. भारतीय लहसुन से तेज गंध आती है और इससे झांस भी निकलती है. मगर चाइनीज लहसुन सस्ता होता है और इसकी स्मगलिंग के बाद बाजार में बेचने पर ज्यादा मुनाफा होता है.

फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज (फोर्टी) के सुरेश अग्रवाल कहते हैं,"चीन की यह कोशिश रहती है कि वह अपने सस्ते माल को भेज कर बाजार पर कब्जा कर ले. सस्ता उत्पाद होने की वजह से स्थानीय किसान और उत्पादक वह सामान बनाना या फसल उगाना बंद कर देते हैं, जिससे चीनी उत्पादकों का एकाधिकार हो जाता है. सरकार को ध्यान देना चाहिए कि उसने जो बैन लगाया था उसके बाद भी चाइनीज लहसुन भारत की मंडियों में कैसे पहुंच रहा है."

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