Rajasthan Politics: राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा बार-बार क्यों अपनी ही सरकार पर उठा रहे सवाल, क्या है नाराजगी?

Kirodi Lal Meena: राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा बार-बार चिट्ठी लिखकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. अब उन्होंने राजस्थान के राज्य भण्डार निगम (RSWC) पर अरबों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. आखिर किरोड़ी लाल मीणा की क्या नाराजगी है. 

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किरोणी लाल मीणा ने फिर से चिट्ठी लिखकर अपनी ही सरकार को घेरा है.

Kirodi Lal Meena: राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने 20 मई को फिर चिट्टी लिखी. अब अपने नए पत्र में राजस्थान के राज्य भण्डार निगम (RSWC) पर अरबों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. इसके पहले उन्होंने 14 मई को चिट्ठी लिखी थी. जयपुर के गांधीनगर इलाके में पीपीपी मोड पर बन रहे बिल्डिंग को लेकर मंत्री मीणा ने 1146 करोड़ रुपए की हेराफेरी की बात कही थी. उन्होंने चिट्ठी लिखकर सीएम को फाइल वापस लेने की बात कही थी. बार-बार चिट्ठी लिखने से कयास लगाए जा रहे हैं कि किरोणी लाल मीणा कहीं अपनी कुर्सी बचाने के लिए तो नहीं ये कर रहे हैं. 

करोणी लाल मीणा इस्तीफा देने की कर चुक हैं बात 

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किरोड़ी लाल मीणा को पूर्वी राजस्थान की सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी. किरोड़ी लाल मीणा अपने जिम्मे वाली सीटों पर भाजपा की जीत लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं. उन्होंने कई बार चुनावी सभाओं में कह चुके हैं कि यदि इन सीटों पर भाजपा की हार हुई तो मंत्री पद से इस्तीफ दे दूंगा.  किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे की बात के बीच बीते दिनों दौसा लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा ने किरोड़ी लाल को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की थी. 

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20 मई को फिर चिट्ठी लिखकर अपनी ही सरकार को घेरा

किरोड़ी लाल मीणा ने 20 मई को लिए  अपने नए पत्र में राजस्थान के राज्य भण्डार निगम (RSWC) पर अरबों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है. इसके साथ उन्होंने सीएम से इसकी जांच और टेंडर को निरस्त करने की मांग की है. उन्होंने CAG द्वारा संपादित थिमेटिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर RSWC के अधिकारियों के विरूध आवश्यक कार्रवाई करने की भी मांग की है.

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RSWC में कार्यों के संपादन में अनियमितताएं बताई 

RSWC में कार्यों के संपादन में काफी समय से अनियमितताएं की जा रही है. जिससे निगम को अरबों रुपये की आर्थिक हानी हुई है. निगम के कुछ अधिकारियों द्वारा गोदाम निर्माण, गोदाम के PPP मोड पर देने और MOU पार्टनर द्वारा गोदामों के प्रबंधन के कार्यों में निगम के अधिकारियों की शह पर भारी अनियमितताएं बरती गई है. इससे अरबों रुपये का घोटाला कर सरकार को वित्तीय नुकसान पहुंचाया गया है. कैग द्वारा जारी थेमिटिक ऑडिट में इन बिन्दुओं को उठाया गया है.

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गहलोत सरकार ने दिया था दो कंपनियों को टेंडर

मीणा ने आगे कांग्रेस के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा, साल 2020 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में निगम के गोदामों के प्रबन्धन के लिए जारी टेंडर के माध्यम से कल्पतरु समूह की कंपनी शुभम लॉजिस्टिक लिमिटेड और ऑरिगो कंपनी के साथ MOU निष्पादित किया गया था. यह टेंडर विवादों में रहा था क्योंकि टेंडर के नियम और शर्तें इस प्रकार बनाई गई थी कि इन दो कंपनियों के आलावा किसी कंपनी को इसका टेंडर न मिल सके. इस पर आपत्ति भी जताई गई थी.

किरोणी लाल मीणा ने 14 मई को भी लिखी थी चिट्ठी 

दरअसल राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को 14 मई को पत्र लिखा था. इस पत्र में मीणा ने जयपुर के गांधीनगर स्थित ओल्ड एमआरसी कैंपस और गाँधीनगर में स्थित राजकीय कॉलोनी के पुनर्विकास योजना के नाम पर पीपीपी मॉडल पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाने के प्रोजेक्ट में 1146 करोड़ रुपए की हेरा-फेरी होने की आशंका जताई थी. किरोड़ी लाल मीणा ने इस प्रोजेक्ट में कुछ अफसर पर Real Estate Development & Construction Corporation of Rajasthan Limited (REDCC) से मिलीभगत से काली कमाई करने का आरोप लगाते हुए CM के नाम एक पत्र लिखा था. 

गांधीनगर में बिल्डिंग निर्माण की योजना का कोई रोडमैप नहीं

किरोड़ी लाल मीणा ने पत्र में लिखा है कि यह योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में NBCC और REDCC के माध्यम से व स्वघोषित आधार पर बनाई जा रही है. इस में कुल 6 टावर बनाए जाएंगे. जिसमें से दो टावर निजी व्यक्तियों को बेचा जाएगा. मीणा ने कहा इस योजना में ना कोई रोड मैप है, और ना ही पर्यावरण और मोर जैसे पशु-पक्षियों का ध्यान रखा गया है. वर्तमान में इन सरकारी आवास में तीन ओलंपिक खिलाड़ी भी रहते हैं जो कि ओलंपिक खेलों के लिए बाहर गए हुए हैं. ये ओलंपिक जून जुलाई में आयोजित होने हैं. इसके चलते इन खिलाड़ियों के खेल पर भी असर पड़ सकता है. यहां हाईकोर्ट के न्यायाधिपति का निवास है. यह वीआईपी सड़क के पास बनाई जा रही है. 

...कहीं किरोणी लाल मीणा को अपनी कुर्सी की चिंता तो नहीं 

राजनीति जानकारों की मानें तो इससे किरोणी लाल मीणा इस्तीफा देने की बात कर चुके हैं. इस डर से बार-बार चिट्ठी लिखकर अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं. हाईकमान तक अपनी नाराजी का संदेश देना चाहते हैं.  4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद सीट भाजपा हारती है तो लोग इस्तीफा की बात करेंगे. इस्तीफा देंगे तो सरकार मनाएगी.  

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