लोकसभा चुनाव 2024 में क्यों फेल हो गया फलोदी सट्टा बाजार का आकलन, 2014-19 में दिये सटीक आंकड़े, इस बार नतीजों से दिखे काफी दूर

500 सालों से आकलन के लिए विश्व प्रसिद्ध फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) भी लोकसभा चुनाव के नतीजों में पूरी तरह से असफल साबित हुआ हैं.

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Phalodi Satta Bazar: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) संपन्न हो चुका है. चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और NDA अपनी सरकार बनाने जा रही है. लेकिन नतीजे काफी चौंकाने वाले हैं. क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 2014 और 2019 के नतीजों से काफी अलग है और चौंकाने वाले हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों में जहां देश भर के Exit Poll फेल साबित हुए हैं. वहीं 500 सालों से आकलन के लिए विश्व प्रसिद्ध फलोदी सट्टा बाजार (Phalodi Satta Bazar) भी पूरी तरह से असफल साबित हुआ हैं. फलोदी सट्टा बाजार का आकलन न केवल पूरे देश के नतीजों से बल्कि राजस्थान के लोकसभा सीट पर भी आकलन सही साबित नहीं हो पाया है.

आपको बता दें, फलोदी सट्टा बाजार ने इस बार लोकसभा चुनाव में जो आकलन किये थे वह पूरी तरह से ध्वस्त होता दिखाई दिया. ऐसा कह सकते हैं कि फलोदी सट्टा बाजार पर भी बीजेपी का चश्मा चढ़ा हुआ था. हालांकि, साल 2014 में फलोदी ने बीजेपी के लिए 280 सीट से 285 सीटों का दावा किया था जिसमें 282 सीटें बीजेपी को आई थी. जबकि साल 2019 की बात की जाएं तो NDA को लेकर 352 सीटों का दावा किया गया था और NDA के 350 सीटें आईं थी.

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क्या था 2024 के लिए फलोदी सट्टा बाजार का आकलन

फलोदी सट्टा बाजार ने बीजेपी के लिए 305 और एनडीए के लिए 350 सीट का दावा कर रही थी. यानी बीजेपी को पूर्ण बहुमत का आकलन किया था. लेकिन नतीजों में बीजेपी 240 सीट ही ला सकी. जबकि बहुमत के आंकड़ा से 32 सीटें कम रही. जबकि एनडीए भी 293 तक ही पहुंच सकीं. यहाँ आकलन से करीब 60 सीटें दूर रही. इसी तरह राजस्थान के लोकसभा सीटों की बात करें तो फलोदी ने बीजेपी को करीब 18 सीटें दे रहा था और कांग्रेस को 6 सीटें दे रहा था. लेकिन यह भी गलत साबित हुई. यहां बीजेपी को 14 सीट और कांग्रेस को 11 सीटें मिली है.

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हालांकि कुछ सीटों कांग्रेस के लिए 6 सीटों का आकलन सही साबित हुआ. जिसमें चूरू लोकसभा सीट, दौसा लोकसभा सीट, बाड़मेर-जैसलमेर सीट, झुंझुनू सीट, नागौर सीट और सीकर सीट पर आकलन किया था. जो सही साबित हुई है.

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क्यों फलोदी का आकलन हो गया फेल

फलोदी सट्टा बाजार का आकलन फेल होने का सबसे बड़ा कारण है. यहां चुनाव के दौरान बाजार विरोधी की वजह से बंद कर दिया गया था. मीडिया में फलोदी को लेकर रिपोर्ट छपने के बाद इसे बंद कर दिया गया था. बाजार बंद होने से यह अपना आकलन जुटा नहीं सके और न ही लोगों से बातचीत कर पाए. यही वजह है कि फलोदी का आकलन 2024 में काफी पीछे रह गया. कहा जाता है फलोदी बाजार में कोई एक्टिव ज्यादा नहीं था और कार्रवाई के डर से लोग फोन पर भी बात नहीं कर रहे थे. इस वजह से आंकड़े सही तरह से जुट नहीं पाए.

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