क्या बीजेपी रविंद्र सिंह भाटी को पार्टी में करेगी शामिल? भाटी ने शुरू की प्रेशर पॉलिटिक्स

रविंद्र सिंह भाटी बगावत कर शिव विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. ऐसे में बीजेपी उन्हें पार्टी में शामिल नहीं करना चाहती है. काफी कवायदों के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली.

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रविंद्र सिंह भाटी

Ravindra Singh Bhati: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टियां अपना-अपना दांव खेल रही है. वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार भी अपने दांव खेलने में पीछे नहीं हैं. शिव विधानसभा सीट के विधायक रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) काफी चर्चित विधायक है और युवाओं में काफी उनकी पकड़ है. शिव विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर उन्होंने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. हालांकि वह पहले बीजेपी में थे. लेकिन टिकट न मिलने पर निदर्लीय चुनाव लड़ा था. वहीं बीजेपी को चुनौती देकर चुनाव में उतरे थे. लेकिन चुनाव जीतने के बाद रविंद्र सिंह भाटी लगातार बीजेपी में शामिल होने की कवायद कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी उन्हें भाव नहीं देना चाहती है. अब भाटी ने बीजेपी के सामने खुद को पार्टी में शामिल करने की शर्त रखी है.

रविंद्र सिंह भाटी बगावत कर शिव विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. ऐसे में बीजेपी उन्हें पार्टी में शामिल नहीं करना चाहती है. काफी कवायदों के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली. वहीं, जैसलमेर बाड़मेर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने जब अपना उम्मीदवार कैलाश चौधरी को उतारा तो एक बार फिर रविंद्र सिंह भाटी ने बीजेपी को चुनौती दे दी. और चुनाव लड़ने के संकेत दिये. लेकिन इसके बावजूद रविंद्र भाटी की दाल नहीं गल रही है.

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रविंद्र भाटी की प्रेशर पॉलिटिक्स

रविंद्र सिंह भाटी लगातार जैसलमेर सीट पर बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. अब उन्होंने प्रेशर पॉलिटिक्स के जरिए अपनी शर्त मनवाना चाहते हैं. शिव विधायक सोमवार से बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में देव दर्शन यात्रा निकाल रहे हैं जिसकी शुरुआत जैसलमेर विधानसभा से कर रहे हैं. उन्होंने इस दौरान चुनाव लड़ने की बात कर खुलकर स्वीकार नहीं किया. लेकिन वह अपने बयानों से बीजेपी पर प्रेशर डाल रहे हैं कि उन्हें पार्टी में शामिल किया जाए.

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रविंद्र सिंह भाटी ने खुले संकेत देते हुए कहा की जो हुआ वह अच्छा हुआ है और लोकसभा चुनाव में उससे भी कुछ बेहतर करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं. जनता ने ही विधायक बनाया है और जनता ही फैसला करेगी कि लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं लड़ना चाहिए. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से बातचीत को लेकर भी खुलकर कहा कि बातचीत चलते रहनी चाहिए सभी दरवाजे अभी तक खुले हैं.

यानी रविंद्र सिंह भाटी के बयान से साफ है कि वह बीजेपी के सामने शर्त रख रहे हैं कि अगर उन्हें बीजेपी में शामिल नहीं किया गया, तो वह जैसलमेर से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. वहीं जिस तरह से उनकी पॉपुलर्टी है वह बीजेपी के लिए खतरा बन सकते हैं.

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