Rajasthan Politics: उपचुनाव में देवली-उनियारा सीट पर प्रह्लाद गुंजल को उतार कर बड़ा दांव खेलेगी कांग्रेस?

इस सीट पर कांग्रेस प्रह्लाद गुंजल को उम्मीदवार बना कर चौंका सकती है. गुंजल लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कोटा संसदीय सीट पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कड़ी टक्कर दी थी. 

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प्रह्लाद गुंजल ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कोटा सीट पर ओम बिरला को कड़ी टक्कर दी थी.

Deoli-Uniara Assembly Seat: राजस्थान में अगले कुछ महीनों में जिन पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उन्हीं में से एक है सचिन पायलट के गढ़ टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट. यह सीट यहां से विधायक रहे हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद खाली हो गयी है. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस सीट पर जीत का दावा करते हुए कहा है कि हम बेहतर उम्मीदवार उतारेंगे और उपचुनावों में यहां जीत दर्ज करेंगे. 

चुनाव के मद्देनजर बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव समितियों का गठन कर चुनावी तैयारियों को अमली-जामा पहनाना शुरू कर दिया है.  साथ ही दिल्ली से लेकर जयपुर तक नेताओं में टिकट पाने की दौड़ शुरू हो चुकी है. इन संभावित उम्मीदवारों में दोनों ही दलों के कई बड़े नाम शामिल हैं.  2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के हरीश चंद्र मीणा ने बीजेपी के विजय बैंसला को 19 हजार 175 वोट से हराकर लगातार दूसरा चुनाव जीता था. 

कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार 

देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक राम नारायण मीणा का नाम संभावित उम्मीदवारों में सामने आ रहा है. राम नारायण 2008 से 2013 तक इसी सीट से विधायक रह चुके हैं. प्रियंका गांधी के नजदीक माने जाने वाले धीरज गुर्जर भी उम्मीदवारों की दौड़ में हैं. इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से जो नाम चौंका सकता है वो है प्रह्लाद गुंजल का.

इस सीट पर कांग्रेस प्रह्लाद गुंजल को उम्मीदवार बना कर चौंका सकती है. गुंजल लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कोटा संसदीय सीट पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कड़ी टक्कर दी थी.

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गुंजल गुर्जर समुदाय से आते हैं और उनकी इस समुदाय में काफी पैठ है. ऐसे में गुर्जर बहुल इस सीट पर कांग्रेस उन्हें उम्मीदवार बना कर बड़ा दांव चल सकती है. 

बीजेपी के संभावित उम्मीदवार 

बीजेपी की ओर से 2013 से 2018 तक इसी सीट से विधायक रहे राजेन्द्र गुर्जर और 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे विजय बैंसला के नामों की प्रमुखता से चर्चा में है. इनके अलावा अलका गुर्जर, विक्रम सिंह गुर्जर, सीताराम पोसवाल और मंत्री प्रभुलाल सैनी भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं.

दोनो दलों ने उपचुनाव को लेकर कमेटियों का गठन किया 

उपचुनाव को लेकर देवली-उनियारा सीट के लिए कांग्रेस ने जहां हरीश मीणा , प्रशांत शर्मा , विकास चौधरी , हरि प्रसाद बैरवा और टोंक कांग्रेस जिला अध्यक्ष समेत चार सदस्यों की कमेटी का गठन किया है. वहीं बीजेपी ने वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़, हीरालाल नागर, जितेंद्र गोठवाल और ओमप्रकाश भड़ाना की चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है.

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जातिगत राजनीति का प्रभाव 

इस क्षेत्र में राजनीतिक मुद्दे गैर-हाजिर हैं. इस सीट का चुनावी इतिहास रहा है कि यहां जातिगत आधार पर ही चुनाव लड़ा जाता है. भाजपा जहां गुर्जर उम्मीदवार पर पर दांव खेलती है तो वहीं कांग्रेस मीणा जाति का उम्मीदवार चुनती रही है. अब तक इस सीट पर निर्दलीय वह अन्य राजनीतिक दलों का कभी कोई खास प्रभाव नहीं रहा. सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बागी उम्मीदवार ही थोड़ा बहुत चुनावी समीकरणों को प्रभावित करते रहे हैं. 

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