Kota Green Field Airport: कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण में आने वाली बाधाएं लगातार दूर हो रही हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से वन भूमि के डायवर्जन के बाद अब चिह्नित भूमि पर स्थित पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन की लाइनों को शिफ्ट करने के लिए भी राज्य सरकार ने 39.92 करोड रुपए की स्वीकृति दे दी है.
शंभूपुरा में एयरपोर्ट के निर्माण के लिए चिह्नित की गई भूमि पर से पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया की लाइन भी गुजर रही हैं. एयरपोर्ट निर्माण के लिए इन लाइनों को शिफ्ट किया जाना बहुत जरूरी है. लाइन शिफ्टिंग के लिए भी राज्य सरकार को 39.92 करोड रुपए जमा करवाने थे लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार इस राशि को जमा करवाने में भी टालमटोल करती रही. पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने राज्य सरकार को करीब 18 स्मरण पत्र भेजे परंतु राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन पत्रों का जवाब तक देना उचित नहीं समझा.
अब सत्ता परिवर्तन होने के साथ ही 'कोटा ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट' की राह में आने वाले रोड़े का दूर होने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है. स्पीकर ओम बिरला के प्रयासों से राज्य सरकार के वित्त विभाग ने शुक्रवार को नागरिक उड्डयन विभाग को आदेश जारी कर पावर ग्रिड की लाइन शिफ्ट करने के लिए 39.92 रुपए विभागीय मद से ही जमा करवाने के आदेश दिए हैं. यह राशि जमा होने के बाद अब पावर ग्रिड की लाइन शिफ्ट करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो जाएगी.
स्पीकर ओम बिरला द्वारा गुरुवार को राज्य सरकार के मुख्य सचिव को दिए गए निर्देशों के बाद नगर विकास न्यास ने शुक्रवार को डायवर्जन राशि के 39 करोड रुपए जमा करवा दिए. यह राशि नगर विकास न्यास द्वारा करीब डेढ़ वर्ष पूर्व ही जमा हो जानी चाहिए थी.
डायवर्सन राशि जमा करने के मामले में भी एयरपोर्ट अथॉरिटी लगातार नगर विकास न्यास को पत्र लिख रही थी. परंतु राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दबाव में ऐसा नहीं हो सका. इस मामले में स्पीकर बिरला ने गुरुवार को मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे, इसके बाद मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टर को तत्काल राशि जमा करवाने को कहा था. इसके बाद गुरुवार को पूरा दिन नगर विकास न्यास के सभी अधिकारी किसी भी तरह राशि जमा करने के लिए भाग