Rajasthan: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली विशेष स्थगन प्रस्ताव लाए. टीकाराम जूली ने कहा कि 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता लागू हो गई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 12 जिलों में राजकीय अधिवक्ता नियुक्त किए हैं. वो सीआरपीसी के तहत नियुक्त किए गए हैं, जबकि उनकी नियुक्ति बीएनएस के तहत होनी थी. उन्होंने कहा कि संसदीय मंत्री के बेटे को सरकारी वकील के तौर पर नियुक्ति दी गई है. उन्होंने इस पर चर्चा कराने की मांग की. जब स्पीकर वासुदेव देवनानी ने चर्चा कराने से मना कर दिया तो हंगामा शुरू हो गया.
सदन में कांग्रेस विधायक धरने पर बैठ गए
कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे की वजह से करीब 3 बजे आधे घंटे के लिए सदन स्थगित हो गया. आधे घंटे बाद सदन दोबारा शुरू हुआ फिर साढ़े तीन बजे सदन स्थगित हो गया. कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर नहीं निकले तो स्पीकर ने मार्शल को बुला लिया. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और उप नेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा सहित कई विधायकों में खींचतान चलती रही. कांग्रेस विधायक धरने पर बैठ गए.
स्पीकर कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर पर हो गए नाराज
स्पीकर वासुदेव देवनानी कांग्रेस विधयक मुकेश भाकर पर नाराज हो गए. सीट से खड़े होकर बोले-तुम बैठो. तमाशा कर रहे हो. स्पीकर ने संसदीय मंत्री से कहा कि इसके (मुकेश भाकर ) के खिलाफ प्रस्ताव लाओ. हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम प्रस्ताव नहीं लाए तो मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग प्रस्ताव लाए.
पूरी रात धरने पर बैठे रहे कांग्रेस विधायक
कांग्रेस के विधायक पूरी रात सदन में धरना पर बैठे रहे. विधायक मुकेश भाकर का निलंबन रद्द करने की मांग की. इनके साथ 7 महिला विधायक भी धरना पर बैठी रहीं. सदन में गद्दे और खाने के लिए टिफिन बाहर से गया.