Rajasthan: सीकर के नीमकाथाना में अपर सेशन न्यायाधीश नीलम शर्मा ने नव विवाहिता की आत्महत्या के मामले में उसके पति को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है्. मामला जिले के पाटन इलाके स्यालोदडा का है. एक नव विवाहिता ने घरेलू दबाव और उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी. जांच में सामने आया कि महिला के पति ने उसे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार बनाया था. पुलिस ने पति के खिलाफ मामला दर्ज करके कोर्ट में मामले को पेश किया.
पिता ने पति पर दर्ज कराया था मुकदमा
अपर लोक अभियोजक बंटेश कुमार सैनी ने बताया, "पीड़ित मंगलचंद मेघवाल ने पाटन थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. दिसंबर 2019 को उसकी बेटी की शादी श्यालोदडा निवासी राकेश कुमार के साथ हुई थी. शादी के तुरंत बाद से ही उसकी बेटी कंचन को पति परेशान करने लगा. कई बार समझाने की कोशिश भी की गई. लेकिन, इनका परेशान करना जारी रहा."
महिला ने 2021 में की थी सुसाइड
उन्होंने बताया, "15 मार्च 2021 को सुबह 11.30 बजे घासीराम का फोन आया कि आपकी बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. पीड़ित को शक हुआ कि उसकी बेटी को मारा गया है. मृतका कंचन को उसके ससुराल वाले अस्पताल लेकर आए. लेकिन, यहां इन्होंने फांसी की बात नहीं बताई. मृतका की बेटी दिव्या ने बताया कि पापा ने रात को मम्मी की पिटाई की थी. मामले में कोर्ट ने सुनवाई कर आरोपी पति राकेश को दोषी मानते हुए धारा 498 ए में तीन वर्ष की सजा व 10 हजार का जुर्माना लगाया. जुर्माना नहीं भरने पर एक महीने अधिक जेल में रहना होगा. धारा 306 में 7 साल की सजा और 20 हजार का जुर्माना लगाया. जुर्माना नहीं भरने पर दो महीने अधिक जेल में रहना होगा. दोनों सजाएं एक साथ चलेगी.
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