PICS: अस्पताल की फर्श पर लेटी इन महिलाओं का कुछ देर पहले ही ऑपरेशन हुआ है, जिम्मेदारों पर होगा एक्शन?

राज्य सरकार भले ही प्रदेश के अस्पतालों के हालात सुधारने के दावे करती है लेकिन हकीकत यह है कि धरातल पर सरकार के यह दावे खोखले साबित हो रहे हैं और मरीजों को अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ता है. मरीजों को ना तो माकूल इलाज मिलता है, ना ही उन्हें कोई सुविधाएं दी जाती है.

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ऑपरेशन के बाद हॉस्पिटल के फर्श पर लिटाई गई महिलाएं.

कतार में फर्श पर लेटी इन महिलाओं की तस्वीर स्वास्थ्य विभाग के लचर सिस्टम को एक्सपोज कर रहा है. फर्श पर लेटी इन महिलाओं की यह तस्वीर कैमरे में कैप्चर की गई थी, उससे कुछ देर पहले ही उनका ऑपरेशन हुआ था. अब इस तस्वीर के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा है. अब सवाल यह उठता है कि इस तस्वीर के जिम्मेदारों पर क्या कोई एक्शन होगा या ऐसे ही मामला रफा-दफा हो जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था की यह तस्वीर राजस्थान से सामने आई है.

सरकारी दावों की जमीनी दिखाने वाली तस्वीर

दरअसल राज्य सरकार भले ही प्रदेश के अस्पतालों के हालात सुधारने के दावे करती है लेकिन हकीकत यह है कि धरातल पर सरकार के यह दावे खोखले साबित हो रहे हैं और मरीजों को अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ता है. मरीजों को ना तो माकूल इलाज मिलता है, ना ही उन्हें कोई सुविधाएं दी जाती है. ऐसा ही एक मामला डीडवाना जिले के परबतसर में सामने आया है, जिसमें सरकारी अस्पताल में व्याप्त लापरवाही और सरकारी दावों की पोल खुल गई. 

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ऑपरेशन के बाद फर्श पर लेटी महिलाएं.

सीएचएमओ ने नोटिस देकर मांगी जानकारी

इस अस्पताल में नसबंदी ऑपरेशन करवाने आई महिलाओं को ऑपरेशन के बाद बेड तक नहीं दिया गया, उल्टे उन्हें फर्श पर बिस्तर बिछाकर लिटा दिया गया. यहीं नहीं तपती गर्मी में राहत देने के लिए पंखा या कूलर का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया. अब चिकित्सा विभाग हरकत में आया है और सीएमएचओ अनिल कुमार ने अस्पताल प्रशासन को नोटिस देकर जांच के आदेश दिए हैं. वहीं अतिरिक्त जिला कलक्टर श्योराम वर्मा ने भी नाराजगी जताते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.

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38 महिलाओं की हुई थी नसबंदी

आपको बता दें कि परबतसर के राजकीय उप जिला चिकित्सालय में सोमवार को महिलाओं का नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया था. शिविर में 58 महिलाओं का पंजीयन हुआ, जिनमें से 38 महिलाओं की नसबंदी की गई. लेकिन जिन महिलाओं की नसबंदी की गई, उनको नीचे फर्श पर ही बिस्तर बिछाकर सुला दिया गया. तपती गर्मी में महिलाओं के लिए हवा की भी माकूल व्यवस्था नहीं की गई थी. इस कारण नसबंदी करवाने वाली महिलाएं परेशान होती रही. कुछ महिलाओं ने अस्पताल प्रशासन से उन्हें बेड पर लिटाने की मांग भी की, लेकिन उनके सुनवाई करने वाला कोई नजर नहीं आया. 

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सरकारी दावों की पोल खोल रही यह तस्वीर.

कलक्टर बोले- जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई होगी

इस संबंध में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में 100 बैड स्वीकृत है, जो पर्याप्त भी है. लेकिन स्टाफ की कमी और मौसमी बीमारियों के कारण बेड भरे होने के कारण इन महिलाओं को अलग अलग वार्ड में शिफ्ट नहीं किया जा सका. जबकि सीएमएचओ डॉक्टर अनिल जुनोदिया का कहना है कि इस मामले को लेकर उन्होंने परबतसर अस्पताल के पीएमओ को आवश्यक निर्देश दिए है. साथ ही यह हिदायत दी है कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही की पुनरावृत्ति ना हो. वहीं अतिरिक्त जिला कलक्टर श्योराम वर्मा ने कहा कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी और जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.

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