किसानों ने बिजली विभाग पर लगाया आरोप, बोले, 'यहां एमपी-एमएलए के कनेक्शन से ही होता है काम'

धरने पर बैठे हुए किसानों ने बताया कि जो किसान ट्रांसफार्मर के पैसे देता है या जिसका सांसद-विधायक से परिचय है, उसे रात को ही ट्रांसफार्मर दे दिया जाता है. जबकि सीधे तरीके से आवेदन करने वाले किसानों को बिजली बोर्ड के नियमों का हवाला देकर कई दिनों तक घुमाया जाता है

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बिजली विभाग के खिलाफ किसानों का धरना
चूरू:

विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा-कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियां किसानों का भला करने का भले ही लाख दावे कर रही हैं, लेकिन हकीकत यह है कि किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है. बीकानेर में बिजली की समस्याओं को लेकर बुधवार को किसानों ने रातभर दिया, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही.

रिपोर्ट के मुताबिक बीकानेर रोड़ पर स्थित बिजली के ट्रांसफार्मर गोदाम के आगे किसानों ने बिजली विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने देर रात 12 बजे तक धरना जारी रखा. इसके बाद निराश होकर अपने-अपने घर चले गए. किसानों ने बताया कि प्राइवेट कंपनी और बिजली विभाग के मिलीभगत से किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

सांसद-विधायक से सीधा परिचय न होने से दिक्कत

धरने पर बैठे हुए किसानों ने बताया कि जो किसान ट्रांसफार्मर के पैसे देता है या जिसका सांसद-विधायक से परिचय है, उसे रात को ही ट्रांसफार्मर दे दिया जाता है. जबकि सीधे तरीके से आवेदन करने वाले किसानों को बिजली बोर्ड के नियमों का हवाला देकर कई दिनों तक घुमाया जाता है. ऐसे में किसान को मजबूर होकर पैसे देकर ट्रांसफार्मर लेना पड़ता है. जबकि बिजली विभाग के द्वारा निः शुल्क देने का नियम है. 

ट्रांसफॉर्मर खेत में लगाना भी विभाग की जिम्मेदारी

चूरू बिजली विभाग के एसी वीआई पड़िहार ने बताया कि उपखंड स्तर पर एक लोकेश इंटरप्राइजेज कंपनी के साथ बिजली विभाग का अनुबंध है. कंपनी के द्वारा ट्रांसफार्मर को निः शुल्क किसान के खेत में लगाने का नियम है. धरने पर बैठे हुए किसानों ने पैसे देकर ट्रांसफार्मर देने का जो आरोप लगाया है, विभाग इसकी जांच करेगा. अगर कंपनी गलत पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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रबी फसल की बुआई का समय, किसान हो रहे हैं परेशान

वर्तमान में रबी की फसल का बुआई का सही समय है, लेकिन सरदारशहर एईएन कार्यालय, भादासर एईएन कार्यालय और भानीपुरा एईएन कार्यालय के किसानों को सवाई छोटे के पास बने गोदाम से ट्रांसफार्मर लेना पड़ता है. जबकि यह गोदाम इनको सरदारशहर इलाके में होना चाहिए, जिससे किसानों को भारी असुविधा हो रही है.

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