World Suicide Prevention Day: जोधपुर में 'आत्महत्या रोकथाम' विषय पर कार्यशाला का आयोजन

राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देश पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया गया, जिसमें आत्महत्या की रोकथाम को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ड़ॉ. सम्पूर्णानंन्द मेडिकल कॉलेज के मनोविकार विभाग द्वारा  'आत्महत्या रोकथाम' विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया.

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प्रोफेसर संजय गहलोत बच्चों को आत्महत्या से रोकथाम के विषय में जानकारी देते हुये

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2023 (World Suicide Prevention Day 2023) की इस वर्ष की थीम है, क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन इसका मतलब है कार्रवाई माध्यम से आशा पैदा करना. इंटरनेशनल एसोसिएशन फार सुसाइड प्रिवेंशन (आइएएसपी) ने वर्ष 2003 में पहली बार 10 सितंबर के दिन विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाने की शुरुआत की थी.

बढ़ते आत्महत्या के मामलों को लेकर जोधपुर के ड़ॉ. सम्पूर्णानंन्द मेडिकल कॉलेज के मनोविकार विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 सितंबर के दिन 'आत्महत्या रोकथाम' विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया. मनोविकार विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर संजय गहलोत ने राज्य सरकार द्वारा बढ़ते आत्महत्या की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी बच्चों को दी.


संपूर्ण विश्व में बढ़ती आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय है, सोमवार को जोधपुर के डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज के सम्बंधित मथुरादास माथुर अस्पताल के मनोविकार विभाग की ओर से विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर एक दिवसीय 'आत्महत्या रोकथाम' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया.

 मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ ही कर्मचारी और मरीज के परिजनों को जन जागृति और आत्महत्या के लक्षणों की पहचान और उसके रोकथाम के लिए जागरूक करने के लिए जानकारी भी प्रदान की गई. जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल के मनोविकार विभाग के विभाग का अध्यक्ष प्रोफेसर संजय गहलोत ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में आत्महत्या के बढ़ते मामले एक चिंता का विषय है.

प्रतिवर्ष 8 लाख से अधिक आत्महत्याओं के मामले सामने आते है. देश में होने वाली कुल मृत्यु का 1.3 प्रतिशत मौत का कारण आत्महत्या है. जो कि अपने आप में बड़ा आंकड़ा है. सरकार द्वारा आत्महत्या के प्रति आमजन को भी जागरूक करने के लिए सरकार लगातार प्रयास जारी है. 

जहां राज्य सरकार भी बढ़ते आत्महत्या के मामलों को लेकर गंभीर है. हाल ही में अपनी बजट घोषणा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रदेश में जयपुर कोटा के साथ ही जोधपुर में काउंसलिंग सेंटर की स्थापना की थी घोषणा की, जहां अब जोधपुर में काउंसलिंग सेंटर अपना मूर्तिरूप लेगा.

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डॉ संजय गहलोत ने बताया कि प्रतिवर्ष 8 लाख से अधिक आत्महत्याओं के मामले सामने आते है. देश में होने वाली कुल मृत्यु का 1.3 प्रतिशत मौत का कारण आत्महत्या है. जो कि अपने आप में बड़ा आंकड़ा है. सरकार द्वारा आत्महत्या के प्रति आमजन को भी जागरूक करने के लिए सरकार लगातार प्रयास जारी है. 

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