Rohit Sharma: "अब मेरे को बैठना पड़ेगा सचिव के साथ", रोहित शर्मा ने अगरकर को कह दी ये बात और वीडियो हुआ वायरल

Cricket: नई नीति के मुताबिक दौरे के दौरान खिलाड़ियों को परिवार के साथ समय बिताने के लिए सीमित समय दिया गया है.

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BCCI New Guidelines: भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने शनिवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की नई नीति के प्रति टीम की ओर से आपत्ति व्यक्त की. यह पूरी बात प्रेस कांफ्रेंस के दौरान माइक्रोफोन में रिकॉर्ड हो गई, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. दरअसल, नई नीति के मुताबिक दौरे के दौरान खिलाड़ियों को परिवार के साथ समय बिताने के लिए सीमित समय दिया गया है. हालांकि बीसीसीआई (BCCI) ने आधिकारिक तौर पर दिशा-निर्देशों की घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया की खबरों में ये 10 सूत्री निर्देश सामने आ चुके हैं.बीते 18 जनवरी को प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से पहले जब रोहित शर्मा मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के पास बैठे थे. इस दौरान वह नई नीति पर बात कर रहे थे. 

नई नीति के बारे में अगरकर से बोले भारतीय कप्तान

रोहित शर्मा ने अगरकर से कहा, ‘‘अब मेरे को बैठना पड़ेगा सचिव के साथ. फैमिली-वैमिली का डिस्कस करने के लिए, सब मेरे को बोल रहे हैं यार. हर कोई (खिलाड़ी) मुझसे पूछ रहा है.'' रोहित की यह टिप्पणी मीडिया के लिए नहीं थी, लेकिन ‘माइक्रोफोन' में रिकॉर्ड होने के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इसके मायने निकालने शुरू कर दिए.  

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्य कोच गौतम गंभीर की सलाह पर तैयार किए गए 10 सूत्री अनुशासनात्मक दिशा-निर्देशों में कुछ नियमों पर रोहित बोर्ड सचिव देवाजीत सैकिया से चर्चा करने वाले हैं. 

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जब रोहित ने दिशा-निर्देशों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘आपको इन नियमों के बारे में किसने बताया? क्या यह बीसीसीआई के आधिकारिक हैंडल से आया है? इसे आधिकारिक तौर पर आने दें.''  

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इस मामले पर मुख्य चयनकर्ता अगरकर ने दिया ये जवाब

वहीं, अगरकर से पूछा गया कि आखिर क्या गलत हुआ कि टी20 विश्व कप जीतने के 6 महीने के भीतर ही बीसीसीआई को उन्हीं खिलाड़ियों के लिए एक यात्रा संबंधित नीति दस्तावेज की आवश्यकता पड़ गई? उन्होंने जवाब दिया, ‘‘मुझे लगता है कि हर टीम के कुछ नियम होते हैं. हमने पिछले कुछ महीनों में कई चीजों के बारे में बात की है, जिसमें आप एक टीम के रूप में सुधार कर सकते हैं. यह कोई स्कूल नहीं है और ना यह कोई सजा है. बस इतना है कि आपके पास कुछ नियम होते हैं और जब आप राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हैं तो आप उन नियमों का पालन करते हैं.''

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