IND vs ZIM T20 Match: भारत ने आखिरी मैच में जिम्बाब्वे को 42 रनों से हराकर पांच मैचों की टी20 सीरीज 4-1 से जीत ली. इस सीरीज में भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल अलग अंदाज में दिखे. जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 सीरीज के अपने पहले ही मैच से वह तूफानी मोड में रहे. रविवार को खेले जिम्बाब्वे के खिलाफ आखिरी मैच में यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने टी20 इतिहास में वो कारनामा किया, जो आज तक कोई नहीं कर सका.
यशस्वी जायसवाल का कारनामा
पांच टी20 मैचों (IND vs ZIM) के आखिरी मुकाबले में टॉस हारकर पहले बैटिंग करने आई भारतीय टीम ने जिम्बाब्वे को 168 रन का लक्ष्य दिया. भारत के शुरुआती 3 बल्लेबाजी मात्र 40 रन पर आउट हो गए. इसके बाद संजू सैमसन ने 45 गेंदों में 58 रन की पारी खेलकर को भारत को मैच में वापसी दिलाई. भारत के 167 रन के जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 18.3 ओवर में 125 रन ही बना सकी.
सीरीज के आखिरी मैच में बल्लेबाजी करने आए यशस्वी जायसवाल ने टी20 इतिहास में नया रिकॉर्ड बना दिया. जायसवाल ने जो कारनामा किया है, उसे टी20 इतिहास में आज तक कोई नहीं कर पाया. दरअसल, जिम्बाब्वे के लिए कप्तान सिंकदर रजा पहला ओवर करने आए. रजा ने खराब फुलटॉस गेंद फेंकी, जिसको जायसवाल ने डीप-स्कवॉयर लेग के ऊपर से छक्का मार दिया. हालांकि, स गेंद को अंपायर ने नो-बॉल करा दिया और जायसवाल को फ्री-हिट मिल गई.
टी20 इतिहास में बना रिकॉर्ड
कप्तान सिकंदर रजा की गेंद पर बोल्ड होने से पहले जायसावल ने पांच गेंदों पर दो छक्कों से सिर्फ 12 ही बनाए, लेकिन आउट होने से पहले यशस्वी ने वह कारनामा कर डाला, जो टी20 फॉर्मेट के इतिहास में उनसे पहले कोई भी नहीं कर सका.
इसके बाद फ्री-हिट का फायदा उठाते हुए यशस्वी जायसवाल ने एक और छक्का जड़ दिया. इसी छक्के के साथ टी20 इतिहास में जायसवाल के नाम जो रिकॉर्ड दर्ज हुआ, जिसे आज तक कोई बना सका था.
कप्तान सिकंदर रजा की पहली गेंद नो-बॉल पर छक्के सहित सात रन और फिर छक्का. मतलब एक गेंद और कुल मिलाकर 13 रन. वहीं, जायसवाल के खाते में एक गेंद पर कुल 12 रन दर्ज हुआ. टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहले कभी पारी शुरू होने की पहली गेंद पर 13 का स्कोर कभी नहीं बना था.
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