Who is Lakshya Sen: भारतीय बैटमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन (Lakshya Sen) ने पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic 2024) में इतिहास रच दिया है. वह ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं. पेरिस ओलंपिक में अब तक भारत के खाते में 3 कांस्य पदक आ चुके हैं. पहला मेडल मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में जीता है. इसके बाद उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर मिक्स टीम में कांस्य पदक हासिल किया. वहीं, स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीता है. अब लक्ष्य सेन भी ओलंपिक मेडल से बस एक कदम दूर हैं.
2001 में बंगाली परिवार में हुए थे पैदा
पेरिस ओलंपिक (Paris Olympic 2024) में इतिहास रचने वाले लक्ष्य सेन ( Lakshya Sen) उत्तराखंड में अल्मोड़ा के रहने वाले हैं. अगस्त 2001 में बंगाली परिवार में पैदा हुए लक्ष्य सेन के परिवार में हमेशा से ही बैडमिंटन की रगों में दौड़ रही है. उनके दादा चंद्र लाल सेन अल्मोड़ा में बैडमिंटन खेल की पहचान दिलाने वाले पहले व्यक्ति थे, जबकि उनके पिता डी. के. सेन उनके कोच हैं. उन्होंने 2022 के राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीता था.
2021 के विश्व चैंपियनशिप में जीता कांस्य पदक
इसके अलावा लक्ष्य सेन ने 2022 में आयोजित हुए एशियाई खेलों में रजत पदक अपने नाम किया था. वहीं, 2021 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतते हुए भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाई. अब पेरिस ओलंपिक में लक्ष्य सेन ने इतिहास रच दिया है. लक्ष्य ने चीनी ताइपे खिलाड़ी चाउ टिएन चेन को 19-21, 21-15, 21-12 से हराकर ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बन गए हैं.
अब सेमीफाइनल में उनका मुकाबला सिंगापुर के लोह कीन यू और डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन के बीच होने वाले क्वार्टर फाइनल के विजेता से होगा. पहले गेम में मिली हार के बाद लक्ष्य ने दूसरे में वापसी की. इसके बाद भारतीय शटलर ने निर्णायक गेम में बड़े अंतर से जीत दर्ज करके सेमीफाइनल का टिकट पक्का किया है.
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