तेज गेंदबाज फजलहक फारूकी की अगुआई में गेंदबाजों के कमाल के बाद बल्लेबाजों के धमाल से अफगानिस्तान ने आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में सोमवार को यहां श्रीलंका को सात विकेट से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाने की अपनी उम्मीद जगा दी जबकि विरोधी टीम की नॉकआउट में प्रवेश की संभावनाओं को झटका दिया.
श्रीलंका के 242 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अफगानिस्तान ने अजमतुल्लाह ओमरजई की 63 गेंद में छह चौकों और तीन छक्कों से नाबाद 73 रन की पारी के अलावा कप्तान हशमतुल्लाह शाहिदी (74 गेंद में नाबाद 58, दो चौके, एक छक्का) के साथ उनकी चौथे विकेट की 111 रन की अटूट साझेदारी से 45.2 ओवर में तीन विकेट पर 242 रन बनाकर जीत दर्ज की. हशमतुल्लाह ने इससे पहले रहमत शाह (62) के साथ भी तीसरे विकेट के लिए 58 रन जोड़े.
श्रीलंका की ओर से दिलशान मदुशंका ने 48 रन देकर दो विकेट चटकाए.
श्रीलंका की टीम इससे पहले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज फारूकी (34 रन देकर चार विकेट) और स्पिनर मुजीब उर रहमान (38 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने 49.3 ओवर में 241 रन पर सिमट गई.
श्रीलंका के लिए सलामी बल्लेबाज पाथुम निसांका ने सर्वाधिक 46 रन बनाए. कप्तान कुसाल मेंडिस ने 39 जबकि सदीरा समरविक्रम ने 36 रन की पारी खेली. निचले क्रम में महीश तीक्षणा ने 29 जबकि अनुभवी एंजेलो मैथ्यूज ने 23 रन की पारी खेलकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.
लक्ष्य का पीछा करने उतरे अफगानिस्तान ने पहले ओवर में ही रहमानुल्लाह गुरबाज का विकेट गंवा दिया जबकि टीम के रनों का खाता भी नहीं खुला था. उन्हें मदुशंका ने बोल्ड किया. सलामी बल्लेबाज इब्राहिम जादरान (39) और रहमत ने इसके बाद 73 रन की साझेदारी करके पारी के संवारा. जादरान ने मदुशंका पर पारी का पहला चौका जड़ा जबकि रहमत ने कासुन रजिता की गेंद को बाउंड्री के दर्शन कराए. जादरान ने भी रजिता की गेंद को दर्शकों के बीच पहुंचाया.
मेंडिस ने एक बार फिर मदुशंका पर भरोसा जताया और उन्होंने अपने कप्तान को निराश नहीं करते हुए उछाल लेती गेंद पर जादरान को थर्ड मैन पर दिमुथ करूणारत्ने के हाथों कैच करा दिया. उन्होंने 57 गेंद का सामना करते हुए चार चौके और एक छक्का मारा.
रहमत ने महीश तीक्षणा पर चौके और फिर चमीरा पर एक रन के साथ 61 गेंद में 25वां अर्धशतक पूरा किया. उन्होंने धनंजय डिसिल्वा पर चौके से कप्तान के साथ अर्धशतकीय साझेदारी पूरी की लेकिन रजिता की गेंद पर मिड ऑन पर करूणारत्ने को कैच दे बैठे. इससे एक गेंद पहले बैकवर्ड प्वाइंट पर समरविक्रम ने उन्हें जीवनदान दिया था. उन्होंने 74 गेंद की अपनी पारी में सात चौके मारे.