Godavan Conservation
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जैसलमेर में 'इको सेंसेटिव जोन' नहीं बनाने पर राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार को दिया नोटिस
- Tuesday September 24, 2024
- Written by: श्रीकांत व्यास, Edited by: इकबाल खान
अभ्यारण घोषित किए जाने के बाद साल 1981 को लगभग 300 वर्ग किलोमीटर के इलाके को राष्ट्रीय मरू उद्यान घोषित किया गया था. जिसकी वजह यह थी कि इस इलाके में मौजूद गोडावण को संरक्षित किया जा सके. लेकिन गोडावण को बचाने की कोशिश पूरी तरह कामयाब नहीं सकीं.
- rajasthan.ndtv.in
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Rajasthan: दो माह में विलुप्तप्राय गोडावण ने दिए 6 अंडे, सम सेंटर में अंडों से दो कैप्टिव-ब्रेड चूजे निकले
- Sunday June 2, 2024
- Reported by: श्रीकांत व्यास, Edited by: इकबाल खान
पिछले कुछ सालों से क्लोजर में सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए गए हैं. वर्तमान में 70 से ज्यादा क्लोजर बने हुए हैं. इन क्लोजर में मानवीय दखल बिल्कुल नहीं है. ऐसे में मादा गोडावण को सुरक्षित वातावरण मिलने पर वह प्रजनन करती है. लगातार प्रजनन बढ़ने के पीछे वजह क्लोजर की सुरक्षा ही है.
- rajasthan.ndtv.in
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Jaisalmer: राजस्थान में गोडावण बचाने की मुहिम में और तेजी आई, वन्यजीव के मुख्य वन संरक्षक ने गोडावण सेंटर का किया निरीक्षण
- Sunday May 5, 2024
- Reported by: श्रीकांत व्यास, Edited by: इकबाल खान
मुख्य वन संरक्षक जैन ने गोडावण संरक्षण के लिए किया जा रहे प्रयासों की सराहना की. आर.के. जैन ने गोडावण ब्रीडिंग सेंटर के बारे में विस्तार से जानकारी भी ली. डेजर्ट नेशनल पार्क (DNP) डीएफ़ओ आशीष व्यास ने उन्हें बताया कि अब ब्रिडिंग सेंटर में गोडावण की संख्या 32 हो गई है. ब्रीडिंग सेंटर में लगातार गोडावण का कुनबा बढ़ता जा रहा है.
- rajasthan.ndtv.in
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डेजर्ट नेशनल पार्क में बढ़ने लगा गोडावण का कुनबा, संरक्षण के लिए खर्च किए जा रहे करोड़ो रूपये
- Monday February 12, 2024
- Reported by: श्रीकांत व्यास, Edited by: निशांत मिश्रा
जैसलमेर में तैयार हो रही है "द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड" की फौज, डेजर्ट नेशनल पार्क में सात मादा गोडावण ने अंडे दिए, वहीं फिल्ड से भी मादा गोडावण और चूजे की सुखद तस्वीरे आईं.
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जैसलमेर में 'इको सेंसेटिव जोन' नहीं बनाने पर राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार को दिया नोटिस
- Tuesday September 24, 2024
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अभ्यारण घोषित किए जाने के बाद साल 1981 को लगभग 300 वर्ग किलोमीटर के इलाके को राष्ट्रीय मरू उद्यान घोषित किया गया था. जिसकी वजह यह थी कि इस इलाके में मौजूद गोडावण को संरक्षित किया जा सके. लेकिन गोडावण को बचाने की कोशिश पूरी तरह कामयाब नहीं सकीं.
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Rajasthan: दो माह में विलुप्तप्राय गोडावण ने दिए 6 अंडे, सम सेंटर में अंडों से दो कैप्टिव-ब्रेड चूजे निकले
- Sunday June 2, 2024
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पिछले कुछ सालों से क्लोजर में सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए गए हैं. वर्तमान में 70 से ज्यादा क्लोजर बने हुए हैं. इन क्लोजर में मानवीय दखल बिल्कुल नहीं है. ऐसे में मादा गोडावण को सुरक्षित वातावरण मिलने पर वह प्रजनन करती है. लगातार प्रजनन बढ़ने के पीछे वजह क्लोजर की सुरक्षा ही है.
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डेजर्ट नेशनल पार्क में बढ़ने लगा गोडावण का कुनबा, संरक्षण के लिए खर्च किए जा रहे करोड़ो रूपये
- Monday February 12, 2024
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जैसलमेर में तैयार हो रही है "द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड" की फौज, डेजर्ट नेशनल पार्क में सात मादा गोडावण ने अंडे दिए, वहीं फिल्ड से भी मादा गोडावण और चूजे की सुखद तस्वीरे आईं.
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